बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने एक बार फिर से बाजी मार ली हो और भले ही उनके मुरीद लोगों ने उनको बंगाल का नायक बना दिया है लोगो की इन बातों में आकर ममता बैनर्जी भी आसमान में उड़ने के ख्वाब देखने लगी और जोश में आ गई . जिससे उन्होंने नए फरमान सुनना शुरू कर दिया और केंद्र सरकार से नियम खिलाफी की बू आने लगी. जिस कारण सुप्रीम को दखल देना पड़ा. तृणमूल कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका लगा है सुप्रीम कोर्ट ने ममता की पार्टी को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस विषय पर केंद्र सरकार कानून बना चुका है उस पर अलग से कोई अन्य से कानून बनाया जा सकता।
दरअसल बतौर मुख्यमंत्री तीसरी बार बुधवार को ममता बनर्जी ने शपथ ली , लेकिन शपथ लेने के तुरन्त बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने झटका दे दिया है , अब मामले की गहनता की बात करते है कि आखिर मामला क्या है ?
दरअसल देश की सर्वोच्च न्यायालय ने वेस्ट बंगाल हाऊसिंग इंड्रस्टी रेगुलेशन एक्ट 2017 को रद्द कर दिया
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह बड़ा फैसला लिया दरअसल बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गए रियल स्टेट एक्ट 2016 की जगह हाउसिंग इंडस्ट्री रेगुलेशन एक्ट 2017 बनाया था सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल की सरकार के द्वारा बनाये गये काननू को संविधान के खिलाफ करार दे दिया है साथ ही अदालत ने कहा कि बंगाल में समान शासन स्थापित नही किया जा रहा हैं वही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस विषय पर केंद्र सरकार कानून बना चुकी हैं उस पर राज्य सरकार क़ानून नही बना सकती।
इस संदर्भ में एक याचिका भी दायर की गई याचिकाकर्ता का कहना है कि संसद के काननू को पूरी तरह से कॉपी किया गया हैं बस कुछ बिंदु अलग रखे गए है पर यह बिंदु मकान खरीददारों के हित में नही है