इस सेक्टर को महामारी से बचाने के लिए सैनिटाइजेशन के साथ-साथ फागिंग भी की

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महामारी को रोकने के लिए जहां प्रशासन और पुलिस अपनी ओर से हर मुमकिन कोशिश कर रही है। वहीं जिले के सेक्टर की आरडब्ल्यूए भी अपने एरिया को इस महामारी से बचाने के लिए अपनी ओर से हर मुमकिन कोशिश कर रही है।

महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिले के कई सेक्टरों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन के अंदर रखा गया है। जिसमें एक सेक्टर 15 भी है। सेक्टर 15 पॉश सेक्टरों में से एक माना जाता है।लेकिन इसमें अगर हम महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या की बात करें तो सबसे ज्यादा मरीज इस सेक्टर में है।

इस सेक्टर को महामारी से बचाने के लिए सैनिटाइजेशन के साथ-साथ फागिंग भी की

क्योंकि इस सेक्टर के लोग अपने कारोबार के लिए देश-विदेश से लेकर अन्य राज्यों में आवागमन करते हैं और इसी के चलते वह महामारी से संक्रमित हो चुके हैं। इसी महामारी की चैन को तोड़ने के लिए जहां पुलिस के द्वारा सभी एंट्री गेटों को बंद कर दिया गया है। वहीं आरडब्ल्यूए द्वारा हर हफ्ते सैनिटाइज तो किया जा रहा है। साथ ही फागिंग भी की जा रही है। ताकि महामारी की चैन को तोड़ दिया जाए और महामारी के मरीज़ों की संख्या में कमी देखी जा सके।

इस सेक्टर को महामारी से बचाने के लिए सैनिटाइजेशन के साथ-साथ फागिंग भी की

सेक्टर 15 आरडब्ल्यूए के प्रधान नीरज चावला ने बताया कि उनकी सेक्टर में महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उसमें से सबसे ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन पर है। जिसकी वजह से सेक्टर में रहने वाले अन्य लोगों को भी खतरा है कि कहीं वह भी इस महामारी की चपेट में ना आ जाए।

इस सेक्टर को महामारी से बचाने के लिए सैनिटाइजेशन के साथ-साथ फागिंग भी की

इसीलिए उनके द्वारा समय-समय पर सेक्टर को सेनेटीज़ तो किया ही जा रहा है साथ ही फागिंग भी कराई जा रही है। ताकि महामारी की चैन को तोड़ा जा सके और सेक्टर व जिले को महामारी से मुक्त किया जा सके।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि सेक्टर में सैकड़ों की संख्या में नौकर काम करते हैं। लेकिन इस महामारी में उनका आवागमन भी बंद कर दिया गया है। इसीलिए सभी सेक्टर वासियों से अनुरोध किया हुआ है कि वह किसी ना किसी रूप में उनकी जिस तरीके से मदद कर सकते हैं। ताकि उनका परिवार इस महामारी में भूखा ना रहे।