महामारी के बढ़ते मामलों के प्रशासन द्वारा लगातार ऑक्सीजन मंगवाई जा रही है परंतु उसके बावजूद भी ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है। मरीजों के तीमारदार ऑक्सीजन के सिलेंडर को लेकर इधर उधर भटकते नजर आते हैं परंतु ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है।
दरअसल, जिले में ऑक्सीजन एक्सप्रेस के द्वारा करीब 311 टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जा चुकी है परंतु उसके बावजूद भी ऑक्सीजन की किल्लत शहर भर में देखने को मिल रही है।
मरीजों के तीमारदार ऑक्सीजन के लिए घंटो घंटो इंतजार कर रहे हैं वहीं ऑक्सीजन प्लांट पर तीमारदारों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही है ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उत्पन्न हो रहा है कि ऑक्सीजन आ तो रही है परंतु जा कहां रही है।
सेक्टर 24 भागीरथी गैस प्लांट पर सुबह से ही मरीजों के तीमारदारों की लंबी-लंबी कतार लग जाती है हालांकि पिछले दिनों के मुकाबले हालातों में काफी सुधार देखने को मिला है परंतु फिर भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन लोगों को ऑफलाइन तथा ऑनलाइन माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रही है।
प्रशासन के द्वारा सोशल मीडिया पर एक गूगल फॉर्म का लिंक शेयर किया जा रहा है जिसमें मरीज के तीमारदार मरीज का विवरण डालते हैं और ऑक्सीजन लेते हैं। इन तमाम प्रयासों के बावजूद भी ऑक्सीजन की किल्लत लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
बीते दिन गृह मंत्री अनिल विज ने 50 से अधिक बेड़ की क्षमता वाले अस्पतालों में अस्पताल प्रशासन का ऑक्सीजन प्लांट होना अनिवार्य कर है। उन्होंने कहा है कि अगले 6 महीने के अंदर सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होगा।