इन महिलाओं ने संभाला मोर्चा, कहां हम करेंगे महामारी से संतुलित मरीजों की सेवा

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वैसे तो महिलाएं किसी भी रूप में कमजोर नहीं होती है। लेकिन कई बार ऐसी कंडीशन सामने आ जाती है। जिसमें महिलाएं पीछे हटने को मजबूर हो जाती है। लेकिन महामारी से संक्रमित मरीजों की सेवा करने में जिले की यह तीन महिलाएं पीछे नहीं हट रही।

बल्कि उन्होंने ठान लिया है कि वह किसी भी कीमत पर संक्रमित मरीजों की सेवा करके उनको ठीक करके उनके परिजनों के पास वापस भेजेंगे। जी हां हम बात कर रहे हैं ओजोन पार्क सोसायटी की रहने वाली विम्मी नेगी, दीपशिखा और नेहा कुमार का।

इन महिलाओं ने संभाला मोर्चा, कहां हम करेंगे महामारी से संतुलित मरीजों की सेवा

दीपशिखा ने बताया कि मंगलवार से ओज़ोन पार्क सोसायटी में छह बिस्तरों वाले कोविद आइसोलेशन-कम-केयर सेंटर की शुरुआत की जा चुकी है। इस सेंटर में मरीज़ों के आराम के साथ साथ ऑक्सिजन सिलेंडर, व्हील चेयर समेत सभी व्यवस्थाए यह मौजूद है।

इसके अलावा एक नर्सिंग असिस्टेंट ऑन कॉल भी उपलब्ध कराई गई है। इसमें मरीज़ों की सुविधा व इलाज को देखते हुए उनके लिए एक छोटा सा लॉन भी है। सॉसाययटी में रहने वाले दो डॉक्टर भी इस सेंटर मे ऑन कॉल सेवाए देंगे।

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दीपशिखा ने बताया कि उनके साथ दिल्ली नेगी सोसायटी में रहने वाले होम आइसोलेशन वाले मरीजों को फ्री में खाना भी वितरित कर रही है। क्योंकि होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों को काफी कमजोरी होती है।

इसीलिए वह अपने और अपने परिवार के लिए खाना नहीं बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि तीनों समय का खाना उन दोनों के द्वारा उनके घरों तक पहुंचाया जाता है। अभी उनके द्वारा सात से आठ घरों में खाना दिया जा रहा है।

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इसके अलावा इस सेंटर के लिए भरे हुए ऑक्सिजन सिलेंडर देने का ज़िम्मा एक़ और महिला वोलनटेयर नेहा कुमार ने उठा रखा है। जो स्वयं प्लांट से सिलेंडर भरवाने व सेंटर व सॉसाययटी में पहुँचाने का काम कर रही हैं।

इसी तरह सॉसाययटी में ही रहने वाली एक और महिला डॉक्टर अदिति अपनी सेवाए दे रही हैं। इन सभी महिलाओं के द्वारा ना सिर्फ महामारी से संक्रमित मरीजों के लिए आइसोलेशन कम केयर सेंटर बनाया गया है।

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बल्कि उसकी पूरी देखरेख भी इन महिलाओं ने अपने कंधे पर उठाई हुई है। साथ ही महिलाओं के द्वारा होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों को भी खाना मुफ्त में दिया जा रहा है। ताकि उनको ठीक होने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े।