सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा मित्रों एप देश ने नहीं दुश्मन ने बनाया है, पीछे छुपी साजिश …

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ओम सेठी, फरीदाबाद : इन दिनों हर किसी की ज़ुबान पर कोरोना या फिर टिक-टोक का ज़िक्र होता है। सोशल मीडिया पर हर कोई चीनी ऐप टिक-टोक को बैन करने का आग्रह कर रहा है। यह बात कही जाती है कि टिक-टोक जैसा स्वदेशी ऐप मित्रों का उपयोग किया जाए लेकिन मित्रों ऐप स्वदेशी नहीं पाकिस्तानी है।

गत महीनों टिकटॉक को टक्कर देने के लिए लॉन्च हुआ मित्रों ऐप अब विवादों में है। रिपोर्ट के अनुसार, मित्रों ऐप भारत में नहीं बनाया बल्कि एक पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी Qboxus से खरीदा गया है वो भी महज  2,500 रुपए में

सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा मित्रों एप देश ने नहीं दुश्मन ने बनाया है, पीछे छुपी साजिश ...

गत दिनों व्हाट्सप्प से लेकर फेसबुक पर मित्रों ऐप डाउनलोड करने के लिए सैकड़ों संदेश आया करते थे लेकिन अब इसकी सच्चाई का पता चला है। भारतीय मूल का ऐप कहलाने के कारण इसे बड़े पैमाने पर डाउनलोड किया जा रहा है। ख़ास बात यह है कि मित्रों शब्द का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में अक्सर करते हैं।

लॉन्च होने के एक महीने के भीतर यह ऐप गूगल प्ले स्टोर से 5 मिलियन (50 लाख) से ज्यादा डाउनलोड किया जा चुका है। ऐप में किसी प्रकार की प्राइवेसी पॉलिसी भी नहीं है। जो लोग इसे डाउनलोड कर रहे हैं और अपने वीडियो डाल रहे हैं.

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उन्हें अंदाज़ा नहीं है कि उनके डेटा के साथ क्या किया जा सकता है। किसी भी ऐप को डाउनलोड करने के बाद वह आपके मोबाइल से अनुमतियों को मांगता है लेकिन मित्रों ऐप द्वारा मांगी जाने वाली अनुमतियां बहुत सारी हैं।

पोल खुलने से पहले कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि इसे आईआईटी रुड़की के एक छात्र ने बनाया है। गूगल प्ले पर मित्रों ऐप के डिवेलपर का वेब पेज में वेबसाइट shopkiller.in का जिक्र है जो कि एक ब्लैंक पेज है। आईआईटी रुड़की की मिडिया सेल की प्रवक्ता सोनिका श्रीवास्तव ने साफ़ तौर पर मना कर दिया कि आईआईटी रुड़की के किसी छात्र का इस से वास्ता नहीं है ।

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कोरोना माहमारी ने जबसे पैर पासरा है तबसे ही दुनिया चीन के खिलाफ सख्त होती गई है। अमेरिका ने बहुत बार सीधे तौर पर कहा है कि कोरोना वायरस चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत और दुनिया की अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करने के लिए बनाया है।

भारत में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इशारों में कह चुके है कि स्वदेशी अपनाओं और चीन को भगाओ। सोशल मीडिया पर भारतीय युवा बहुत एक्टिव नज़र आ रहे हैं कि कोई चीन का मोबाइल एप उपयोग न करे उस से चीन रोज़ाना करोड़ो रूपए कमा रहा है। टिक-टोक चीन का सबसे प्रसिद्ध एप है और भारत में लगातार इसकी रेटिंग्स गिरती जा रही है।