महामारी अपना कहर इस समय पूरे ज़ोर से ढा रही है। हर तरफ माहौल काफी चिंताजनक है। मामलों में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। प्रदेश के महामारी वाले अस्पतालों में अनावश्यक रूप से भर्ती मरीजों के चलते दूसरे गंभीर मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही है। अस्पतालों में दाखिल करीब 80 फीसद मरीजों को आक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की जरूरत नहीं है।
जिन मरीज़ों को इनकी ज़रूरत है नहीं वो भी इस समय अस्पताल को खाली नहीं कर रहे है। इसी कारण गंभीर मरीज़ों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। स्तिथि को देखते हुए प्रदेश के करीब 21 हजार बेड भी कम पड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अब खतरे से बाहर हो रहे मरीजों को महामारी केयर सेंटर में भिजवाने की कवायद शुरू कर दी है जिससे राहत मिलने के आसार हैं।
कई लोग ठीक होने के बावजूद अस्पताल से बाहर निकलने को तैयार नहीं है। उन्हें स्थिति की गंभीरता को समझना होगा। प्रदेश सरकार अगले एक सप्ताह में करीब चार हजार ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इमरजेंसी के लिए सभी जिलों में स्कूल-कालेज, बैंक्वेट हाल और स्टेडियम चिन्हित किए गए हैं, जहां अस्थायी अस्पताल बनाए जाएंगे।
इस समय स्थिति से सचेत रहने की आवश्यकता है। मदद करने का समय है। प्रदेश सरकार तत्परता से कार्य कर रही है। 16 अस्पतालों में एक हजार लिटर प्रति मिनट ऑक्सीजन पैदा करने वाले ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। सौ बेड वाले अस्पतालों में 500 लीटर प्रति मिनट, 50 बेड वाले अस्पतालों में 200 लीटर प्रति मिनट और 30 बेड वाले अस्पतालों में 100 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले प्लांट लगाए जाएंगे।
महामारी का रौद्र रूप इस समय चरम पर है। महामारी अपना प्रसार लगातार तेज़ी से कर रही है। हर तरफ भय का माहौल है। लगातार मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है। हर परिवार में कोई न कोई पॉजिटिव हो रहा है।