फरीदाबाद : एक तरफ जहां वैश्विक महामारी की बढ़ती संख्या से चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में पंजाब व हरियाणा में स्थापित किए जा रहे नए कोविड-19 के अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी खलने लगी है, और अब इसी कमी को पूरा करने के लिए भारतीय सेना अपनी जंग के मैदान से निकलकर वायरस को बचाने में मदद करें।
दरअसल, सेना अपने ट्रेंड जवानों को कोविड पर नियंत्रण के लिए मैदान में उतारने जा रही हैं। इसके लिए वेस्टर्न कमांड ने भी अपने बैटल फील्ड (युद्ध क्षेत्र) के जवानों को भी कोविड से लड़ने के लिए विशेष ट्रेनिंग देना आरंभ कर दिया है। जैसे ही इन्हें पूरी तरह प्रशिक्षित कर दिया जाएगा, इनकी जरूरत अनुसार इन्हें उक्त स्थलों पर भेज दिया जाएगा।
जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ वेस्टर्न कमान लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने इस उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वा पहले ही पंजाब और हरियाणा के आला अधिकारियों से बैठक कर चुके हैं। वहीं सिंह ने दोनों राज्यों को आशवस्त किया है कि सेना हर प्रकार की मदद देगी।
सेना की ओर से चंडीगढ़, फरीदाबाद और पटियाला में 100-100 बैड के कोविड अस्पताल तैयार किए गए हैं। इनमें डाक्टरों समेत, पैरामेडिकल और तकनीकी स्टाफ वेस्टर्न कमांड मुहैया कराएगी। सोमवार को ये शुरू कर दिए जाएंगे। वहीं, पंजाब के कई जिलों में सेना की ओर से पहले से ही डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भेजा जा चुका है।
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ समेत हिमाचल में भी अब कोरोना के चलते हालात बिगड़ने लगे हैं। यहां भी संक्रमण कम करने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। बावजूद इसके केस कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मरीजों के इलाज और वैक्सीनेशन के चलते स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी होने लगी है, इसी कारण सेना की जरूरत पड़ी है। हरियाणा के गृह मंत्री तो आक्सीजन प्लांटों को सेना के हवाले करने की बात कह चुके हैं।
ऐसा इसलिए है कि यहां पर संक्रमण की हालत बद से बदतर होती जा रही है। यही कारण है कि पिछले दिनों लगाया गया लॉकडाउन एक बार फिर एक सप्ताह के लिए बढ़ा कर सकता 17 मई तक कर दिया गया है। वहीं इस बात इस लॉकडाउन को सुरक्षित हरियाणा का नाम दिया गया है लेकिन पाबंदियां बरकरार रखी गई हैं, इसमें कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया हैं।