आज भी परंपरा निभाने के चक्कर में, काटी जाती है उंगलियां

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यह दुनिया केवल गोल ही नहीं बल्कि इसमें झोल मोल भी है , जहां अलग अलग रीति रिवाज परंपराएं और अजीबोगरीब रहन सहन देखने को मिल जाता है। यह बात बिल्कुल सच है कि मनुष्य पहले आदिवासी था जिसके बाद समय के साथ बदलते हुए लोगों ने तरक्की करें और अपने रीति रिवाज भी बदलें । भारतीय संस्कृति में भी एक से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली परंपराएं है जिन्हे सुनकर लोगों कि रूह कांप जाती है । यह बात हम सभी जानते है कि दुनिया में हर जगह अलग- अलग परंपराएं होती है। कई जगह आज भी परंपराएं निभाई जाती है। अब भले ही बेशक उन परंपराओं से किसी की निजी जिंदगी बर्बाद ही क्यों ना हो जाए। आज भी आदिवासी जनजाति के लोग परम्पराओ को निभाते है तो आइये जानते है इस कबीले के रीती रिवाजो के बारे में-

आज भी परंपरा निभाने के चक्कर में, काटी जाती है उंगलियां

इंडोनेशिया में एक ऐसा कबीला है जहां किसी कि मौत हो जाने पर कबीले कि महिलाओं की उंगली काट दी जाती है। कबीले कि ये परंपरा है कि किसी शख्स की मौत होने पर उस घर की ही किसी एक औरत की एक उंगली काट दी जाती है।
‘दानी’ कबीला पापुआ गिनी के तहत आता है और यहां करीब ढाई लाख आदिवासी रहते हैं। इस परंपरा के पीछे का तर्क है कि औरत के द्वारा उंगली का दान देने पर मरने वाला शख्स भूत बनकर परिवार को नहीं सताएगा।

दर्द से करहाकर भी निभानी पड़ती है , परंपरा ।

आज भी परंपरा निभाने के चक्कर में, काटी जाती है उंगलियां

कष्टकारी प्रक्रिया के तहत औरत की उंगली को कुछ घंटो के लिए कसकर बांध दिया जाता है ताकि वहां खून का रुक जाए। इसके बाद तेज धारदार हथियार से उस उंगली को नाखून तक काट दिया जाता है। इस कबीले में ऐसी कई औरतें हैं जिनकी एक दो नहीं बल्कि कई उंगलियां काट दी गई हैं। कई बुजुर्ग औरतें तो ज़ालिम परम्परा के चक्कर में अपने हाथों की सारी उंगलियां गंवा चुकी हैं।

ऐसी परंपराओं के बारे में सुनते ही आज भी लोगों की रूह कांप जाती है , ऐसी परंपराएं आज भी इस झोल मोल दुनिया में मनाई जाती है ।लेकिन दुनिया की ऐसी अनोखी और भी बातों से जुड़े रहने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें ।