पहले कई ऐसे लोग हैं जो बेटियों को इतना सम्मान, आदर नहीं देते पर अब समय में परिवर्तन आया और लड़कियां, बेटियां कंधे से कंधा मिलाकर अपने समाज के साथ चलती है।
जहां बेटियों को अपशकुन माना जाता था। बेटियों का होना ना होना एक ही बराबर माना जाता था। जहां बेटियों से बढ़कर बेटों को सम्मान लिए जाते थे। आज उसी देश में बेटियां कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। ऐसा कोई काम नहीं है ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां बेटियां ना पहुंची है।
ऐसे ही एक परिवार में अपनी बेटे के जन्मदिन पर प्लाज्मा डोनेट करते परमिंदर सिंह इस महामारी के समय में जहां लोग मदद के लिए के बाहर तक नहीं निकल रहे। वही परमजीत सिंह ने अपनी बेटी दर्शिमीन कौर के 9वे जन्मदिन पर इस महामारी के समय में अपना प्लाज्मा डोनेट किया।
उनको यह लगता था कि इससे अच्छा दिन, समय और कोई नहीं हो सकता। इसलिए उन्होंने अपनी बेटी के जन्मदिन पर इतना अहम कदम उठाने का निश्चय किया। इस महामारी के समय में जहां लोग ऑक्सीजन, बेड, प्लाज्मा के लिए दर-दर भटक रहे हैं । वही परमजीत सिंह जैसे कुछ लोग हैं जिनके दिलों में अभी भी इमानदारी और देश के लिए प्यार है। यह जरूरी नहीं कि सब चीज़े पासो से ली जाए सचे दिल से भी इस महामारी के समय में ऐसा कार्य करना बहुत ही उम्दा बात है।
सबसे पहले तो उन्होंने एक मरीज की जान भी बचाई अपना प्लाज्मा डोनेट करके दूसरी तरफ उन्होंने अपनी बेटी के जन्मदिन को सबसे शुभ दिन मानकर प्लाज्मा डोनेट किया। परमजीत सिंह रियल एस्टेट सेक्टर में काम करते हैं उन्होंने यह दिन चुना उन्होंने अपनी बेटी के जन्मदिन का दिन चुना और अस्पताल में जाकर प्लाज्मा डोनेट किया।
प्लाज्मा डोनेट करने के बाद बाप और बेटी दोनों ही बहुत खुश है और विक्ट्री का साइन के साथ इनमें उन्होंने एक तस्वीर भी खिंचवाई। ऐसे लोगों की इस महामारी में बहुत जरूरत है आज भी ऐसे लोग हमारी दुनिया में हैं जो देश के लिए हमेशा साथ रहते हैं हमेशा काम करने के लिए आगे रहते हैं।