Super Hero:- दादा ने पोती के जन्मदिन पर प्लाज्मा डोनेट कर महामारी से संक्रमित लोगों को दिया जीवनदान

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अभी भी कई क्षेत्रों में बेटी को इतना ऊंचा दर्जा, सम्मान, इज्जत नहीं दी जाती। कहीं ना कहीं लोगों को लगता है कि बेटी का होना समाज के लिए अच्छा नहीं है। उनकी बेटी का होना कुछ कुछ लोगों को आज भी खलता है।पर उससे अच्छी खबर तो यह है कि आज लड़की हर क्षेत्र में आकर कंधे से कंधा मिलाकर आज हर काम कर रही है।

लड़की को उतना ही दर्जा, सम्मान दिया जाता है जितना कि लड़के को दिया जाता है। आज अगर किसी के भी घर में लड़की का जन्म होता है तो उसे लक्ष्मी मां का रूप कहते हैं और ऐसा ही कुछ साबित किया है बन्नुवाल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राकेश भाटिया ने जिन्होंने अपनी पोती के जन्मदिन पर महामारी से पीड़ित मरीजों को प्लाज्मा डोनेट किया।

Super Hero:- दादा ने पोती के जन्मदिन पर प्लाज्मा डोनेट कर महामारी से संक्रमित लोगों को दिया जीवनदान

उन्होंने सोचा कि इससे बेहतर दिन तो और कोई हो ही नहीं सकता। आज के दिन यानी मंगलवार को उनके घर में लक्ष्मी पैदा हुई थी। उन्होंने उसी इमानदारी और सच्चे दिल से इस समय इतनी खतरनाक महामारी के पीड़ित मरीजों को जिनको प्लाज्मा नहीं मिल पा रहा उन्हें प्लाज्मा डोनेट किया। वह पहले चार बार रक्तदान भी कर चुके हैं। 50 से ज्यादा लोगों को प्लाज़्मा डोनेट करने के लिए जागरूक कर चुके हैं।

उनकी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों संजय अरोड़ा ,संजीव ग्रोवर, सुशील कुमार और उनके ब्लड बैंक लायंस क्लब फरीदाबाद के महेश बग्गा उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया और कहा कि इससे अच्छा दिन और कोई नहीं हो सकता।

Super Hero:- दादा ने पोती के जन्मदिन पर प्लाज्मा डोनेट कर महामारी से संक्रमित लोगों को दिया जीवनदान

इस महामारी के समय भी ऐसे लोग इस दुनिया में अभी हैं जो सच्चे दिल से ईमानदारी से मरीजों के लिए काम कर रहे हैं सिर्फ पैसों से ही नहीं हर चीज खरीदी जाती कई लोग सच्चे दिल से भी पैसों से बढ़कर काम करते हैं जो दुनिया हमेशा याद रखते हैं।

कुछ ऐसा ही काम आज बन्नुवाल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राकेश भाटिया जी ने किया उनका यह कार्य लोग जिंदगी भर याद रखेंगे उन्होंने आज बेटी का दर्जा बढ़ाया और साथ ही साथ पीड़ित मरीजों के लिए भी डटकर खड़े हुए और अपना प्लाज्मा डोनेट किया प्लाज्मा डोनेट करने के बाद उन्होंने थम्स अप का साइन दिखाकर तस्वीर खिंचवाई और उनके चेहरे पर साफ खुशी झलक रही थी कि वह पीड़ित मरीजों की सच्चे दिल से सहायता कर कर बहुत ही खुश है।