महामारी से ग्रस्त मरीजों को ठीक होने के लिए सबसे ज्यादा जिस चीज की आवश्यकता होती है। वह है उनका पौष्टिक आहार। अगर मरीजों को सही समय पर पौस्टिक आहार नहीं मिलता है। तो वह किसी भी बीमारी से जल्दी रिकवरी नहीं कर पाते हैं।यही हाल महामारी से ग्रस्त मरीजों का ही है।
अगर हम बात करें होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों की। तो उनको घर पर किस तरीके से पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। इस बारे में हम आज सेहत की सलाह में आपको बता रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के द्वारा एक होम आइसोलेशन दिशा निर्देश की बुक को प्रकाशित किया गया है।
जिसमें उन्होंने बताया है कि होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों के आहार से संबंधित सलाह दी गई है। उस बुक के अनुसार होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। मरीज को अपने शरीर में पर्याप्त हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए समय-समय पर पानी, सूप, चाय, रस आदि का सेवन करना चाहिए।जिससे कि उनकी बॉडी में हाइड्रेशन की कमी ना हो।
वहीं अगर हम पौस्टिक आहार की बात करें तो वह होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों को आम दिनों के मुकाबले आइसोलेशन के दौरान अधिक भोजन करना चाहिए। क्योंकि इस दौरान उनको सबसे ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती है।
भोजन में अगर वह दूध, अंडा, दालें और हरी सब्जी जैसे विभिन्न खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं। तो उनकी सेहत के लिए काफी अच्छा होगा। क्योंकि इन सभी में काफी मात्रा में कैल्शियम व विटामिन आदि मौजूद रहते हैं।
क्योंकि इस महामारी से ग्रस्त मरीजों को रिकवरी में काफी मदद करते हैं। अगर कोई व्यक्ति नशीले पदार्थ का सेवन करता है। तो महामारी से ग्रस्त होने के बाद आइसोल्यूशन में इन पदार्थों से दूर रहना चाहिए। क्योंकि इन पदार्थों की वजह से उनकी सेहत पर काफी असर हो सकता है और उनकी सेहत बिगड़ भी सकती है।
इसीलिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उन मरीजों से गुजारिश की जाती है कि इस आइसोलेशन के दौरान इन पदार्थों का सेवन ना करें। अगर किसी मरीज को खांसी व गले में खराश से आराम नहीं मिल रहा है। तो वह शहद, अदरक, अनानास, वेजिटेबल सूप, ग्रीन टी, हल्दी डाला हुआ गर्म दूध आदि का सेवन कर सकते हैं।
जिससे उनको खांसी व गले में खराश जैसी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। अगर होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीज़ इन सभी बातों का ध्यान रखें। तो वह जल्द ही रिकवरी कर सकता है और स्वस्थ होकर वापस अपने परिजनों के साथ रह सकता है।