महामारी के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश भर में दवाइयों की कालाबाजारी देखने को मिल रही है। कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा दवाइयों को ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है वही अब सरकार ने सभी दवाइयों की कीमत तय कर दी है।
दरअसल, प्रदेश भर में महामारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में दवाइयों की किल्लत भी देखने को मिल रही है। इस आपदा में कुछ लोग अवसर ढूंढ रहे हैं और लोगों को ऊंचे दाम पर दवाई बेच रहे हैं। सरकार ने दवाइयों की कीमत तय कर दी है।
सरकार ने डौक्सीसिक्लीन 100 एमजी के एक टेबलेट का दाम 0.91 रुपए, पेरासिटामोल 600 एमजी के एक टेबलेट का दाम 1.73, मिथाइल प्रैडनिसोलोन 16 एमजी के एक टेबलेट का दाम 8.37 व 8 एमजी 4.79, अजीथ्रोमाइसिन 500 एमजी के एक टेबलेट का दाम 19.99, शेलकाल 500 एमजी की 30 टेबलेट, विटामिन्स 12 एमजी के एक टेबलेट, जिंक के 15 टेबलेट्स, जिंक सी, आइवरवैक्टिन, जिंको, इवोडी, जिंकविट जैसी दवाइयां एमआरपी रेट पर मिलेंगी।
जारी आदेशों के अनुसार यदि कोई तय सीमा से ज्यादा दाम पर दवाइयां बेचता है तो उसके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी वहीं इसकी शिकायत उपायुक्त कार्यालय, उपमंडलाधीश कार्यालय, सिविल सर्जन व दवा नियंत्रण अधिकारी को की जा सकती है।
गौरतलब है कि महामारी के इस दौर में दवाइयों से लेकर ऑक्सीजन तक की कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में प्रशासन की ओर से कालाबाजारी को रोकने के लिए तमाम कोशिशें की गई हैं।
दवाइयों के दाम तय करने से पहले प्रशासन की ओर से खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी रोकने के लिए दुकानों के बाहर रेटिंग लिस्ट लगाना अनिवार्य किया गया वहीं अब दवाइयों के दाम भी तय कर दिए गए हैं जो लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।