महामारी का असर, एक ही बेड पर दो- दो मरीज लेटने को है मजबूर

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प्रदेश में महामारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर इसका असर देखने को मिल रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते संसाधन भी कम होते नजर आ रहे हैं। महामारी के रोजाना रिकॉर्ड केस सामने आने के बाद सामान्य अस्पताल में बेड फुल हो चुके हैं। यहां महामारी वार्ड में बेड फुल होने के बाद महामारी पेशेंट का इमरजेंसी में इलाज किया जा रहा है। वहीं एक बेड पर दो-दो मरीज उपाचाराधीन हैं, कुछ मरीज जमीन पर लेटने को मजबूर हैं।

महामारी का असर, एक ही बेड पर दो- दो मरीज लेटने को है मजबूर

पानीपत में लगातार बढ़ती महामारी के चलते मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। निजी अस्पतालों के साथ पानीपत के सामान्य अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ के चलते मरीजों को बेड नहीं मिल रहे।

महामारी का असर, एक ही बेड पर दो- दो मरीज लेटने को है मजबूर

सामान्य अस्पताल में आलम यह है की मरीजों को एक बेड पर दो-दो मरीजों को लिटाटकर इलाज किया जा रहा है। कुछ मरीज जमीन पर लेटकर अपना इलाज करवा रहे हैं।

गौरतलब है कि मई माह की शुरुआत से ही मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। एक दिन में औसतन 625 केस रोजाना सामने आ रहे हैं। जो अब तक के सर्वाधिक हैं। रोजाना कोरोना के मामलों का रिकॉर्ड बनने के कारण सरकारी के साथ प्राइवेट अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं।

महामारी का असर, एक ही बेड पर दो- दो मरीज लेटने को है मजबूर

सामान्य अस्पताल में कोरोना पेशेंट के लिए कुल 80 बेड हैं। इसके साथ सभी प्राइवेट अस्पतालों में 25 फीसद बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखने के आदेश हैं। इसके बाद भी पानीपत में कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में अलग से बेड की व्यवस्था करने के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आ रही है।

महामारी का असर, एक ही बेड पर दो- दो मरीज लेटने को है मजबूर

वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बाल जाटान में 300 बेड का कोविड अस्पताल शुरू होने के बाद बेड की कमी को दूर किया जा सकेगा। अस्पताल के पीएमओ डॉ. संजीव ग्रोवर का कहना है कि उनका पहला फर्ज आने वाले हर मरीज को इलाज देना है । मरीज को व्हीलचेयर पर भी इलाज देते हैं। उन्होंने कहा कि आज मीटिंग की है और जल्द ही अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाई जाएगी।