महामारी की भेंट चढ़ गया एक और परिवार,सदस्यों के नही रुक रहे आंसू

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विधि का विधान मिटाएं नहीं मिटता है इसे किस्मत कहे है या भगवान का प्रकोप, एक ही परिवार के इतने सारे लोग एक साथ मौत की नींद सो गए हो . हिसार शहर के मंडी आमदपुर में अपनी मां की मौत का समाचार सुनकर उनके आखिरी दर्शन के लिए बेटी आमदपुर से रतनगढ़ गई ।

रतनगढ़ पहुंचने पर बेटी भी संक्रमित हो गई साथ ही माँ को अंतिम विदाई देने के बाद वह 2 दिन पहले अपने घर आमदगुर लौटी और मंगलवार को उसका निधन हो गया यह सिलसिला यहां पर खत्म नहीं हुआ इसके बाद मृतका की भाभी का भी महामारी के चलते 2 दिन पहले रतनगढ़ में ही देहांत हो गया ।

महामारी की भेंट चढ़ गया एक और परिवार,सदस्यों के नही रुक रहे आंसू


कैसा मंजर उस घर में बीता होगा जहां पर महामारी के चलते एक ही परिवार के तीन सदस्य 10 दिन के अंदर मौत की नींद सो गए . आपको बता दें कि बोगा मंडी निवासी अनिल शर्मा की 36 वर्षीय पत्नी लता शर्मा की मां का निधन 10 दिन पूर्व हो गया था ।

मा को अंतिम विदाई देने के लिए लता आदमपुर से रतनगढ़ गई और 12 दिन तक वहीं रुक गई परंतु मां के निधन के तीसरे दिन ही परिवार वालों की सेहत खराब होने लगी जिसके बाद पूरे परिवार का टेस्ट किया गया जिसमें से परिवार के 6 सदस्य महामारी से ग्रस्त पाए गए।

महामारी की भेंट चढ़ गया एक और परिवार,सदस्यों के नही रुक रहे आंसू

इन मे लता भी शामिल हो गई लता ने ससुराल पक्ष को इसकी जानकारी नहीं दी और वही अपने परिजनों के साथ दवाई लेने आरंभ कर दी शनिवार को अचानक लता की भाभी की तबीयत काफी बिगड़ी और उनका निधन हो गया .

इसके बाद लता बुरी तरह से डर गई भाभी के अंतिम संस्कार के बाद उसने अपने पति को फोन करके तुरंत आदमपुर आने की जिद करने लगी इस दौरान लता का पति आदमपुर पहुंच गया जैसे ही पता चला कि लता संक्रमित है और उसकी भाभी की मौत महामारी के हुई है ।

महामारी की भेंट चढ़ गया एक और परिवार,सदस्यों के नही रुक रहे आंसू

तो परिजनों ने उसके पति की ठहरने की व्यवस्था बाकी परिवार से दूर दूसरे घर में कर दे लता रतनगढ़ से दवाई लेकर आई थी वही दवाई जहां भी जारी रहे लेकिन अचानक लता की तबियत बिगड़ गई परिजनों ने उसको अस्पताल जाने की तैयारी ही कर रहे थे ।

कि उससे पहले ही लता ने आखिरी सांस ली इसके बाद महामारी के प्रोटोकॉल के अनुसार ही लता का अंतिम संस्कार आदमपुर बैकुंठ धाम में किया गया। सोचने वाली बात यह है कि किस तरीके से महामारी 10 दिन के अंदर माँ भाभी और फिर लता को लील गई साथ कि लता के परिवारजनों ने सभी से निवेदन किया कि कोई भी घर पर दुख व्यक्त करने ना आए बल्कि अपने घर पर ही रह कर दिव्यांग आत्मा की शांति की प्रार्थना करें।

तस्वीरे आर्टिकल की जरूरत के हिसाब से लगाई है