महामारी का जो दूसरा फेस जिले में देखने को मिल रहा है। उस पर सबसे ज्यादा मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। अगर हम होम आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों की बात करें तो उनको अगर किसी प्रकार की सांस लेने में दिक्कत होती है।
तो वह घर पर योगा के जरिए या फिर एक्सरसाइज के जरिए सांस की दिक्कत को कम कर सकते हैं और जल्दी ठीक हो सकते हैं। हम बात कर रहे हैं प्रोनिंग पोजीशन की। स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा भी एक्सरसाइज को फायदेमंद बताया गया है।
क्या होती है प्रोनिंग पोजीशन और कैसे करते हैं
प्रोनिंग पोजीशन में ज़ोर पेट के बल लेटने पर दिया गया है। इस विधि में तकियों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। सुझाव है कि एक तकिया गरदन के नीचे, एक या दो तकिया सीने से नीचे से लेकर जाँघ तक और और दो तकिए के ऊपर पैरों को रखना चाहिए।
इसके लिए चार-पाँच तकियों की ज़रूरत होती है। तकिए का मोटा या पतला होना लोग अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं।
इस बीमारी के में मरीज नहीं कर सकते हैं यह प्रोनिंग पोजीशन
महामारी से संक्रमित मरीजों को कई बार सांस लेने में दिक्कत होती है उस दौरान अगर मरीज इस पोजीशन का इस्तेमाल करें तो उनको जो सांस लेने में दिक्कत होती है। उसमें काफी हद तक राहत मिलेगी। लेकिन इस फोन का इस्तेमाल गर्भवती महिलाएं और दिल के मरीज नहीं कर सकते हैं।
क्योंकि उनको सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इसीलिए अगर कोई गर्भवती महिला याद दिल के मरीज महामारी से संक्रमित है और उनको सांस लेने में दिक्कत है। तो वह अस्पताल में जाकर अपना उपचार कराएं। प्रोनिंग पोजीशन सिर्फ होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए है। जो कि सिर्फ महामारी से संक्रमित हैं वह उनको कोई गंभीर बीमारी नहीं है।
इन बातों का रखें ध्यान
- मरीज खाना खाने के बाद कम से कम 1 घंटे बाद के बात करें एक्सरसाइज।
- जब तक मरीज को लगे कि वह बस इतना ही कर सकता है तब तक ही वह इस पोजीशन में रहे।
- गर्भवती महिलाएं व दिल के रोगी इस पोजीशन का प्रयोग ना करें।
- 48 घंटे के बाद भी दिक्कत हो तो डॉक्टर की सलाह लें।
- आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक लेट सकता है मरीज।