शहरों से होता हुआ गांव में शुरू हुआ संक्रमण का फैलना, ना जांच में तेजी ना वैक्सीन का ठिकाना

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दिन प्रतिदिन बढ़ने वाली संक्रमित मरीजों की संख्या से शहरों के निजी और प्राइवेट अस्पतालों का हाल किसी से नहीं छिपा है। ऐसे में सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि संक्रमण शहरों तक सीमित रह कर गांव गांव के कोने कोने तक अपना प्रभाव छोड़ने लगा है।

हर गुजरते दिन के साथ हजारों की संख्या में नए संक्रमित मरीजों की संख्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंकित की जा रही है। ऐसे में करीब 2 दर्जन लोगों की रोजाना मौत हो रही है। परंतु स्वास्थ्य विभाग से मात्र आठ नौ ही बताती है।

शहरों से होता हुआ गांव में शुरू हुआ संक्रमण का फैलना, ना जांच में तेजी ना वैक्सीन का ठिकाना

वहीं अब इसका असर ग्रामीण क्षेत्रों और ग्रामीणों में भी देखने मिल रहा हैं, कोई ऐसा गांव नहीं है। जहां किसी घर में कोई बुखार या खांसी की से पीड़ित न हो। यही नहीं अब तो गांवों में मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पिछले 10 से 15 दिनों के अंदर कई गांवों में 5 से 7 लोगों के माैत की भी खबर है।

नहरपार विकास मोर्चा के प्रधान अरूण कुमार शर्मा ने डीसी यशपाल यादव व पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना ने महामारी का विकराल रूप ले लिया है। हालात ज्यादा विध्वंसक होती जा रही है।

शहरों से होता हुआ गांव में शुरू हुआ संक्रमण का फैलना, ना जांच में तेजी ना वैक्सीन का ठिकाना

कोई भी घर या परिवार शायद ही इस बीमारी से अछूता है। उनकी मांग है कि जिन घरों में संक्रमित व्यक्ति हैं, उनके अन्य सदस्यों से अलग रखा जाने की व्यवस्था हो। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की टेस्टिंग के लिए टीमें जल्द भेजी जाए। गांवों पहरा लगाकर पुलिस गश्त बढ़ाई जाए। हर गांव में संक्रमित लोगों के लिए सरकारी स्कूल या पंचायत घर आइसोलेशन केंद्र बनाए जाएं।