महामारी काल में सब्जी बन गई सोना महंगाई का है रोना, लाॅकडाउन में कई सब्जियाें के रेट में इजाफा

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    महामारी के इस समय में सभी के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ा है। आर्थिक स्थिति भी लोगों की कमज़ोर हुई है। महामारी की लहर कहर मचा रही है। महामारी के प्रकोप से बचने के लिए लाॅकडाउन लगाया गया है। अब इसमें कई सब्जियां और फलाें के रेट में बढ़ाेतरी हुई है। फलाें में अंगूर साेनाका की बात करें ताे 110-140 रुपए प्रति किलाे के रेट मार्केट कमेटी ने निर्धारित किए हैं।

    आम आदमी को सब्ज़ी सोना लग रही है। महंगाई ने रुला दिया है। सेब भी 90 से 350 रुपए प्रति किलाेग्राम तक बिक रहा है। इसके अलावा आलू 8 मई काे 12-15 किलाेग्राम, गाेभी 10-12, हरी मिर्च 20-25, मटर 50-60, नींबू 70-80, गाजर 18-20 व लहसुन 80-100 रुपए प्रति किलाेग्राम रेट थे। अब इन सब्जियाें के रेट 5 से 15 रुपए प्रति किलाेग्राम तक बढ़ गए हैं।

    महामारी काल में सब्जी बन गई सोना महंगाई का है रोना, लाॅकडाउन में कई सब्जियाें के रेट में इजाफा

    दालों के साथ – साथ सब्ज़ी भी अब आमआदमी के हाथों से दूर होती जा रही है। खाने को खाये क्या किसी को नहीं पता। कई जगह हालात ऐसे भी हैं कि मार्केट कमेटी ने जाे रेट तय किए हैं। उन रेट से ज्यादा फल व सब्जियां बिक रही है। अंगूर साेनाका 150 रुपए किलाेग्राम तक बिक रहा है। आलू, टमाटर, प्याज के साथ-साथ हरी शाक-सब्जियों के दाम में इजाफा हो गया है। तमाम सब्जियों के दाम आसमान चढ़ गए हैं, जिससे आम उपभोक्ता परेशान हैं।

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    उपभोक्ताओं को अपने रसोई के बजट को लेकर अब चिंता सताने लगी है। एकाएक सब्जियों के रेट में तेजी से जो उछाल आया है उसने उपभोक्ताओं को रसोई बजट के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है। इक्का-दुक्का सब्जियों को छोड़कर अधिकतर के भाव पहले के मुकाबले काफी अधिक हो गए हैं। हरा धनिया के रेट तो इतने अधिक हो चुके हैं कि आम उपभोक्ता की रसोई में होना तो दूरी की बात है।

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    आलू और प्याज की महंगाई ने आमजन की परेशानी और बढ़ा दी है। महंगाई ने गरीब का खाना छीन लिया है। महामारी के इस दौर में डबल मार लोगों पर पड़ रही है।