पिता-दादा के प्यार से ज्यादा अभिप्रेरणा से नव्या सांगवान को सेना में मिला लेफ्टिनेंट का पद

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बेटियां तो बचपन से ही पापा की दुलारी होती है। वहीं दादा दादी के लिए अपने बेटे बहु से ज्यादा पोते पोतियो के लिए लाड दुलार उन्हें अच्छा और संस्कार व्यक्ति बनने में मदद करते हैं।

मगर कई बार ऐसा होता है कि बड़ों के प्यार से ज्यादा उनकी फटकार व्यक्ति को नया मुकाम हासिल करने में अहम भूमिका अदा करते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ चरखी दादरी की बेटी नव्या सांगवान के साथ।

पिता-दादा के प्यार से ज्यादा अभिप्रेरणा से नव्या सांगवान को सेना में मिला लेफ्टिनेंट का पद

बचपन से ही उसके पिता और दादा ना सिर्फ उसके जीवन का आधार रहे हैं, बल्कि दोनो से मिली अभिप्रेरणा ने आज ना सिर्फ उसे एक नया मुकाम बल्कि देश में एक नई पहचान भी दिला दी है। नव्या सांगवान ने कमीशन प्राप्त करते हुए सेना में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हुई हैं।

मेडिकल कौर में नियुक्त हुई नव्या ने पिता जेल अधीक्षक पिता व दादा पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान से प्रेरणा लेते हुए बचपन से ही देश सेवा करने फैसला कर लिया था। उनकी नियुक्ति उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित सेना अस्पताल में लेफ्टिनेंट के पद पर हुई है।

पिता-दादा के प्यार से ज्यादा अभिप्रेरणा से नव्या सांगवान को सेना में मिला लेफ्टिनेंट का पद

दादा व पिता की प्रेरणा लेकर बड़ी हुई बेटी नव्या सांगवान में देश के प्रति सेवा करने का जज्बा भरा। नव्या की प्राथमिक शिक्षा दादरी में ही हुई है। नव्या के घर पहुंचने पर माता सुनीता व परिजनों ने स्वागत करते हुए शुभकामनाएं दी।

पिता-दादा के प्यार से ज्यादा अभिप्रेरणा से नव्या सांगवान को सेना में मिला लेफ्टिनेंट का पद

नव्या ने बताया कि दादा सतपाल सांगवान उसे सेना में भेजना चाहते थे और लगातार उसे देश सेवा करने की प्रेरणा दी थी। वहीं पिता जेल अधीक्षक सुनील सांगवान ने सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का हौंसला दिया है।

पिता-दादा के प्यार से ज्यादा अभिप्रेरणा से नव्या सांगवान को सेना में मिला लेफ्टिनेंट का पद

जानकारी के मुताबिक नव्या सांगवान के पिता सुनील सांगवान रोहतक जेल के सुप्रीडेंट पद पर कार्यरत हैं। और माता सुनीता देवी प्राध्यापक के साथ-साथ घर का जिम्मा अपने कंधो पर लिए हुई है। इसके अलावा नव्या का भाई मनव सांगवान भी एनडीए कर सेना में लेफ्टिनेंट के लिए ट्रेनिंग ले रहा है।

पिता-दादा के प्यार से ज्यादा अभिप्रेरणा से नव्या सांगवान को सेना में मिला लेफ्टिनेंट का पद

दादा सतपाल सांगवान का राजनीति व पिता जेल अधीक्षक के पद पर रहते हुए परिवार ने अपने बेटे-बेटी को सेना में भेजने का फैसला लिया। यहीं कारण है कि नव्या ने बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का प्रण लिया था। जिसे आज साकार भी कर दिखाया है।