महामारी से संक्रमित मरीजों की दिन प्रतिदिन कमी देखी जा रही है। जिसकी वजह से सब्जी मंडी में मिलने वाले फल व नारियल पानी के रेट में भी काफी कमी आ चुकी है। जिससे मरीजों के साथ-साथ आम लोगों को भी काफी राहत मिली है।
क्योंकि जैसी महामारी का प्रकोप खत्म होता जा रहा है। वैसे ही बाज़ारों में मिलने वाले फलों व नारियल पानी के रेट में काफी कमी देखने को मिल रही है। पहले जहां नारियल पानी 70 से ₹80 मिला करता था। वहीं अब का रेट 40 से ₹50 हो गया है।
नारियल पानी बेचने वाले परसपाल ने बताया कि महामारी के चलते उनकी नौकरी छूट गई है। पहले वह फर्नीचर का काम करते थे। लेकिन महामारी की वजह से उनका काम पूरी तरह से ठप हो गया है। जिसकी वजह से वह है अब नारियल पानी बेचने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले वह नारियल पानी 70 से ₹80 में बेचते थे।
लेकिन अब वही नारियल पानी की कीमत घटकर 40 या ₹50 हो गई है। पानी वाले नारियल पानी की जो कीमत है ₹40 है। वही जो पानी और मलाई वाला नारियल है उसकी कीमत ₹50 है।
वही राजू ने कहा की मार्केट में कंपटीशन बहुत है। कंपटीशन के चलते यह जो नारियल महामारी में 70 और ₹80 का मिल रहा था। वही कंपटीशन के चलते यह नारियल अब 40 और ₹50 का मिल रहा है। जिन लोगों के काम ठप पड़े हैं या जो लोग पपीता और अन्य फल बेचते हैं। उन्होंने भी अब नारियल पानी का काम शुरू कर दिया है। जिसके चलते यह सस्ता हो गया।
मौसमी और नींबू के रेट में आई कमी
महामारी से संक्रमित मरीजों को ठीक होने के लिए सबसे ज्यादा मौसमी और नींबू पानी का सेवन करना होता है। इसी वजह से जिले की सब्जी मंडी में मौसमी और नींबू के रेट आसमान को छू रहे थे। अगर हम मौसमी के रेट की बात करें तो पहले यह ₹220 किलो थे।
वहीं अब इसकी कीमत घटकर ₹100 तक पहुंच गई है। अगर हम नींबू की बात करें तो पहले नीबू ₹50 के ढाई सौ ग्राम मिलते थे। लेकिन अब वही नींबू 100 रुपए किलो में मिल रहे हैं। जैसे जैसे महामारी का दौर खत्म हो जा रहा है। वैसे वैसे फलों के रेट में भी गिरावट देखने को मिल रही है।