फरीदाबाद और गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के पास धारा 144 में ज़िला मैजिस्ट्रेट की शक्ति नहीं हालांकि पंचकूला पुलिस कमिश्नर को प्रदान की गई है ऐसी शक्ति- हेमंत

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हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में निरंतर बढ़ रहे वायरस संक्रमण के मामलों के दृष्टिगत गत माह पहले सभी ज़िलों के उपायुक्तों (डीसी ) को उनके सम्बंधित ज़िलों में सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता), 1973 की धारा 144 लगाने के लिए कहा गया ताकि. वैश्विक महामारी के रोकथाम के लिए आवश्यक सरकारी आदेशों एवं निर्देशों की स्थानीय निवासियों द्वारा सख्त अनुपालना सुनिश्चित करवाई जा सके. इसके बाद बीती 3 मई से पहले 10 मई, फिर 17 मई और अब 24 मई तक पूरे राज्य में लॉकडाउन लगा दिया गया।

हालांकि लॉकडाउन में भी धारा 144 सीआरपीसी में निषेधाज्ञा (प्रोहिबिटरी ऑर्डर्स ), जिसमें चार या इससे अधिक लोगों के, बिना किसी विशेष प्रयोजन के, एकत्रित होने पर रोक होती है, के सम्बन्ध में ज़िलाधीश द्वारा जारी आदेश लागू रहते हैं. इसके अलावा ज़िले में स्थानीय निवासियों द्वारा किये जाने वाले अन्य कार्यों-कृत्यों पर भी उपयुक्त प्रतिबन्ध लगाने सम्बन्धी आदेश ज़िलाधीश द्वारा जारी किये जाते हैं।

फरीदाबाद और गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के पास धारा 144 में ज़िला मैजिस्ट्रेट की शक्ति नहीं हालांकि पंचकूला पुलिस कमिश्नर को प्रदान की गई है ऐसी शक्ति- हेमंत

बहरहाल, इस विषय पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम- ज़िलाधीश ), सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम – उपमंडलाधीश ) या राज्य सरकार द्वारा विशेष तौर पर प्राधिकृत एग्जीक्यूटिव (कार्यकारी ) मजिस्ट्रेट अपने अपने सम्बंधित ज़िले/क्षेत्र में उपयुक्त आदेश जारी कर सकता है।

फरीदाबाद और गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के पास धारा 144 में ज़िला मैजिस्ट्रेट की शक्ति नहीं हालांकि पंचकूला पुलिस कमिश्नर को प्रदान की गई है ऐसी शक्ति- हेमंत

हालांकि जहाँ तक प्रदेश के तीन ज़िलों जिसमें से दो प्रदेश के दो महानगर – गुरुग्राम और फरीदाबाद भी शामिल हैं एवं पंचकूला का विषय है, तो इन तीनो में प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा पुलिस कानून, 2007 की धारा 8 में पुलिस कमिशनेरेट स्थापित किया हुआ है।

गुरुग्राम (पहले गुडगाँव ) में जून, 2007 में , फरीदाबाद में अगस्त, 2009 में जबकि पंचकूला में अक्टूबर, 2016 में पुलिस कमिश्नरेट स्थापित किया गया।

फरीदाबाद और गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के पास धारा 144 में ज़िला मैजिस्ट्रेट की शक्ति नहीं हालांकि पंचकूला पुलिस कमिश्नर को प्रदान की गई है ऐसी शक्ति- हेमंत

बहरहाल, हेमंत ने बताया कि उक्त तीनो ज़िलों में पुलिस कमिश्नर स्थापित करने की गजट नोटिफिकेशनंस, जो प्रदेश के गृह विभाग द्वारा जारी की गयीं, में से केवल पंचकूला ज़िले के पुलिस कमिश्नर को ही सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता ), 1973 की धारा 20 (1 ) में एग्जीक्यूटिव (कार्यकारी ) मजिस्ट्रेट जबकि धारा 133 और 144 में ज़िलाधीश की शक्तियां प्रदान की गयी हैं जबकि उनके अधीन तैनात डीसीपी (पुलिस उपायुक्त ) एवं एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) को केवल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की गयी है. इस प्रकार पंचकूला ज़िले में धारा 144 में निषेधाज्ञा आदि के आदेश न केवल वहां तैनात पुलिस कमिश्नर के द्वारा बल्कि उसके अधीन आने वाले डीसीपी/एसीपी द्वारा भी जारी किये जा सकते है।

फरीदाबाद और गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के पास धारा 144 में ज़िला मैजिस्ट्रेट की शक्ति नहीं हालांकि पंचकूला पुलिस कमिश्नर को प्रदान की गई है ऐसी शक्ति- हेमंत

सनद रहे कि अगस्त, 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पंचकूला सीबीआई कोर्ट में पेशी दौरान पंचकूला में धारा 144 के आदेश तत्कालीन डीसीपी अशोक कुमार, आईपीएस द्वारा ही जारी किये गए थे जिनमें उत्पन्न हुई गड़बड़ी पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा गंभीर संज्ञान भी लिया गया था जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा उक्त डीसीपी को निलंबित भी करना पड़ा था. बीते माह 25 अप्रैल को भी धारा 144 सीआरपीसी के ताज़ा आदेश पंचकूला के मौजूदा डीसीपी मोहित हांडा, आईपीएस द्वारा ही जारी किये गए।

अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि जब पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को धारा 144 में ज़िलाधीश और उसके अधीन डीसीपी/एसीपी को धारा 144 सीआरपीसी में कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की जा सकती है, तो दोनों महानगरों गुरुग्राम और फरीदाबाद, जहाँ पिछले 13 -14 वर्षो से पुलिस कमिशनेरेट स्थापित हैं एवं जहाँ इनके अधीन कई पुलिस ज़िले भी हैं, वहां के पुलिस कमिश्नर को ऐसी शक्ति क्यों नहीं प्रदान की गयी है. आज तक गुरुग्राम और फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर को धारा 144 में ज़िलाधीश तो दूर, कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्ति तक प्रदान नहीं की गयी है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

फरीदाबाद और गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के पास धारा 144 में ज़िला मैजिस्ट्रेट की शक्ति नहीं हालांकि पंचकूला पुलिस कमिश्नर को प्रदान की गई है ऐसी शक्ति- हेमंत

वर्तमान में हरियाणा के सभी 22 ज़िलों में पंचकूला को छोड़कर शेष 21 ज़िलों में धारा 144 में आदेश सम्बंधित ज़िले के डीसी (उपायुक्त ) द्वारा ज़िलाधीश के तौर पर ( या ज़िले के उपमंडलों में एसडीएम) द्वारा जारी किये जा सकते हैं जिनमें गुरुग्राम और फरीदाबाद ज़िले (पुलिस कमिश्नरेट ) भी शामिल है। अब चूँकि हरियाणा पुलिस कानून, 2007 में स्थापित हर पुलिस कमिशनेरेट पुलिस रेंज भी है एवं पुलिस कमिश्नर का स्तर न्यूनतम आईजी (फरीदाबाद के वर्तमान पुलिस कमिश्नर ओ.पी. सिंह हालांकि एडीजीपी हैं) रैंक का होता है, इसलिए ता तो पंचकूला की तर्ज पर गुरुग्राम और फ़रीदाबाद के पुलिस कमिश्नर्स को भी धारा 144 में ज़िलाधीश की शक्तियां मिलनी चाहिए अथवा पंचकूला पुलिस कमिश्नर के पास से भी धारा 144 में जिलाधीश की शक्तियां वापिस लेकर जिले के डीसी को वापिस दे देनी चाहिए।