विश्व इतिहास में कई ऐसी दुनिया रही है जो अब लुप्त हो चुकी है लेकिन उनका इतिहास आज भी दुनिया के सामने है और उनकी खोज अभी भी जारी है। इन दुनियां का इतिहास में जिक्र है कि ये दुनिया कभी पूरे विश्व ने राज किया करते थे। लेकिन कुछ लोग इन दावों को केवल मिथक बताते है वहीं कुछ लोगों की भारी आस्था इन सबसे जुड़ी हुई है।
आज जिक्र करते है ऐसी ही कुछ दुनियाओं की जो अभी मौजूद नहीं है लेकिन उनका अस्तित्व काफी पुराना है :-
1. क्लियोपेट्रा का महल ( इजिप्ट )
मेडिटेरेनिया में डूबा यह क्लियोपेट्रा का महल और शहर चौथी सदी ई में बसाया गया था। इस महल को लेकर कहा जाता है कि अपनी जान खुद लेने से पहले रानी क्लियोपेट्रा ने अपने प्रेमी के साथ महल में खुद को बंद कर लिया था।
अलेक्जेंड्रिया इजिप्त के तट पर बसा यह द्वीप भूकंप के कारण पानी में समा गया। बावजूद इसके इस समंदर में आज भी कई ऐसे वस्तुंए मौजूद है जिन्हें देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है। सभी लोगों के लिए बनाया गया यह विश्व का पहला पानी के भीतर संग्रहालय है.
2. अटलांटिस शिचेंग, चीन (Lion City in Mandarin)
शंघाई से ४००किमी दुरी पर बसा झेजियांग प्रांत है, जहा पर कुछ वर्षों पहले प्राकृतिक झील तैयार हुई. इस झील का नाम है Qiandao झील। २००१ के बाद २०११ में चीन सरकार ने यह झील के नीचे बसे हुए शहर के बारे में जानकारी निकालने के आदेश दिए।
तब इस झील से हैरतंगेज़ वस्तु और उसकी कहानी पता चली. ४०म उंची यह किल्ला मिंग और किंग के राजवंशों का बताया जाता है। १६वी शताब्दी का यह शहर पूरी तरह से आज भी बड़े शान से पानी के नीचे अपनी कहानी बताने के लिए खड़ा है.
3. द्वारका ( गुजरात )
हजारों वर्ष पूर्व भगवान कॄष्ण ने द्वारका शहर बसाया था, अत्यतं मनमोहक पुलों के इस शहर में कई झरने भी थे। उस समय द्वारिका राजधानी थी जहाँ से भगवान कृष्ण अपने रिमोट से विश्व को चलाते थे। कृष्ण की मृत्यु के साथ उनकी बसाई हुई यह नगरी समुद्र में डूब गई।
काफी समय से जाने-माने शोधकर्ताओं ने यहां पुराणों में वर्णित द्वारिका के रहस्य का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित कोई भी अध्ययन कार्य अभी तक पूरा नहीं किया गया है. 2005 में द्वारिका के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में भारतीय नौसेना ने भी मदद की।
अभियान के दौरान समुद्र की गहराई में कटे-छटे पत्थर मिले और यहां से लगभग 200 अन्य नमूने भी एकत्र किए, लेकिन आज तक यह तय नहीं हो पाया कि यह वही नगरी है अथवा नहीं जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने बसाया था। आज भी यहां वैज्ञानिक स्कूबा डायविंग के जरिए समंदर की गहराइयों में कैद इस रहस्य को सुलझाने में लगे हैं।
4. योनगुनी ( जीमा, जापान )
दक्षिण जापान के र्युक्यु द्वीप पर तिस्त योनगुनी तट है, बताया जाता है कि योनगुनी शहर खोए हुए पौराणिक महाद्वीप का हिस्सा है जो अभी पानी के अंदर आज भी मौजूद है। तवीर में आप पिरामिड देख सकते हो जो ५००० वर्ष पुराना है। किसी समय पहले यह योनगुनी तट पर था इस लिए इसे योनगुनी पिरामिड कहा जाता है।
पिरामिड पर एक सीधी है वो ऊपर फ्लाट जैसे आकृति तक जारी है. इससे यह ज्ञान होता है की यह पिरामिड की रचना कितने बेहतरीन तरीके से की गई होगी. भूकम्प के देश का ये शहर भी सुनामी के कारण उजड़ गया होगा किंतु मानव के होने का कोई भी प्रमाण इस डूबे हुए शहर से नहीं मिला है।
5. पोर्ट रॉयल
17 वीं सदी में, पोर्ट रॉयल चोरी, तस्करी और भ्रष्टाचार का मुख्यालय रहा और सबसे दुष्ट और पापी शहर के नाम से यह पहचाना जाता था। यहा तक की इसाई देशों का सबसे अशिष्ट शहर था। एक द्वीप जो जमैका के तट पर बसा हुआ था।
७ जून १६९२ वर्ष को प्रकृति का इस पर भारी प्रकोप हुआ जिसमे ३ बड़े भूकंप आये, जिस कारण ४० फीट उंची लहरे उठी और पोर्ट रॉयल को को अपने आगोश में ले लिया, दरसल पोर्ट रॉयल की जमीन मजबूत नहीं थी, इस वजह से वहा के २ किलो के साथ पूरा शहर पानी में समा गया कुछ टूट गया और बेह भी गया।
आज भले ही इंसान चाँद और मंगल पर चला गया हो, बिज्ञान कितना भी तरक्की कर लिया हो पर आज भी इस धरती पर न जाने कितने अनसुलझे पहलू है, जिनकी कड़िया जोड़ने में आज भी शोध कर्ताओ को पसीने छूट जाते है। आज भी अनसुलझी पहेली की तरह है. और इस सदी में भी मानो विज्ञानं को मुह चिढ़ा रही हो और कह रही है की हमें ढूढो तो जाने, हमें बूझो तो जाने.