फरीदाबाद : महामारी की जद इतनी ज्यादा है कि लोगो की जिंदगी को बदल कर रख दिया है एक तो संक्रमण का डर दूसरा अपनो को खोने का भय , क्योंकि संक्रमित हुआ व्यक्ति आधा इसलिए परेशान हो जाता है की उसे अपने परिवार से दूर रहना पड़ेगा ।
यदि किसी घर के मुखिया को यह महामारी अपनी चपेट में ले लेती है तो उसकी चिंता 100 गुना बढ़ जाती है अब मेरे परिवार का क्या होगा? आज के हालातों को मद्देनजर रखकर इस बात के कयास लगाए जा रहै है कि यदि घर में किसी एक व्यक्ति को महामारी ने अपनी चपेट में लिया है तो इसका असर अन्य परिजनों पर भी पड़ता है।
ग्रेटर फरीदाबाद के डीपीएस में बने कोविंद केयर सेंटर में एक अनोखी पहल शुरू की गई हैं जिससे परिवार में रह रहे लोगों को कुछ हद तक राहत मिल सकती है केयर सेंटर में संक्रमित परिवारों को अलग रखने की बजाय एक साथ रखकर उनका उपचार किया जा रहा है जिससे संक्रमित परिवार में रह रहे लोगों का तनाव कम हो और उनका हौसला बड़े।
अपने परिवार के लोगों के साथ रहकर वह जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे डॉक्टर प्रबल राय के अनुसार इस बीमारी ने लोगों को काफी मानसिक रूप से परेशान किया है जिससे लोग तनाव ग्रस्त हो गए हैं बड़े-बड़े अस्पतालों में परिवार के कुछ सदस्य भर्ती होते हैं तो किसी का घर पर इलाज चलता है।
इस बीच में सभी को एक दूसरे की चिंता सताने लगती है और लोग इस मानसिक उत्पीड़न से महीने भर जूझते रहते हैं मनो चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एक नए नजरिए की जरूरत है इसी कड़ी में डॉक्टर प्रबल बताते हैं कि परिवार में यदि किसी सदस्य को कोरोला हुआ है
साथ ही मरीज के अन्य सदस्यों को अलग आइसोलेशन की जरूरत होती है ऐसे में कई बार देखा गया है कि जब तक मरीज डॉक्टर के पास पहुंचता है तब तक परिवार के सभी सदस्य इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं ऐसे परिवारों के लिए इन कोविड केयर सेन्टर में पूरी व्यवस्था की गई है
एक परिवार के सभी सदस्यों को एक वार्ड में रखा जा रहा है ताकी किसी को एक दूसरे की चिंता ना सताए उसके बाद उनके उपचार की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है ताकि उनके मानसिक तनाव को भी दूर किया जा सके डॉक्टर में स्टाफ के सदस्य मरीजों को हिम्मत बढ़ाते रहते हैं कि सभी लोग आपके साथ ही हैं ।
इससे मरीजों को बहुत फायदा मिल रहा है उनकी रिकवरी जल्दी हो रही है साथ ही 90% केस में यह बीमारी कम हो जाती है इसके बाद मरीजों की देखभाल पोस्टिक आहार उचित पॉजिटिविटी वाला वातावरण चाहिए होता है मरीज के सदस्य मिल सके डॉक्टर प्रबल राय के अनुसार अधिकांश अस्पतालों में मरीजों से परिवार के सदस्यों को मिलाया नहीं जाता है ।
जबकि यहां मरीजों के परिजन को पीपी किट पहन कर मरीजों से मिलने की अनुमति है इससे मरीजों का हौसला बढ़ता है साथ ही मरीज का इलाज चल रहा है यह डॉक्टर द्वारा पूरी जानकारी परिजनों को दी जा रही है ठीक होने के बाद तनाव से बचने के गुण सिखाए जा रहे हैं जिससे वह मानसिक रूप से जल्दी फिर हो रहे हैं
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…
ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…
एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…
फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA 2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…
बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…