प्रदेश में ब्लैक फंगल को अधिसूचित बीमारी घोषित कर दिया है। जिसके चलते औद्योगिक नगरी मैं भी इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं। इस बीमारी से जूझने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा तैयारियों को शुरू कर दिया गया है।
सभी अस्पतालों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत सभी अस्पतालों को ब्लैक संदल के मरीजों का रिकॉर्ड रखना होगा। इसके अलावा इस रिकॉर्ड को स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा भी करना होगा। इसके लिए एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉक्टर रितु सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
बताया जा रहा है कि महामारी से ग्रस्त मरीज मात देने के बाद ब्लैक फंगल की परेशानी से जूझ सकते हैं। इसीलिए जिले के लगभग सभी बड़े अस्पतालों में लोग ब्लैक फंगल की समस्या को लेकर पूछ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक जिले में करीब 25 ब्लैक फंगल से ग्रस्त मरीज पाए गए हैं जिन का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है।
इसके अलावा ब्लैक फंगल के मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि महामारी से ग्रस्त मरीजों ठीक होने की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। इसलिए आने वाले समय में माना जा रहा है कि ब्लैक फंगल के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ईमेल आईडी भी जारी की गई है। जिसमें निजी अस्पतालों की ओपीडी व आई पी डी में अगर कोई ब्लैक फंगल बीमारी को लेकर मरीज आता है। तो उसकी जानकारी ईमेल के जरिए स्वास्थ्य विभाग को दी जाएगी।
इसके अलावा जिले के दो मेडिकल कॉलेज 20-20 बेड वाला वार्ड तैयार किया गया है। जिसमें ब्लैक फंगल के मरीजों का इलाज किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह ई एस आई सी मेडिकल कॉलेज में तो सिर्फ फरीदाबाद के मरीजों का इलाज किया जाएगा। वहीं अलफलाह मेडिकल कॉलेज में फरीदाबाद व पलवल दोनों के मरीजों का इलाज किया जाएगा।
ब्लैक फंगस के इलाज में आवश्यक माना ज एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक कमेटी का गठन का किया गया है। कमेटी कमेटी के आदेश आने के बाद ही इंजेक्शन की आपूर्ति होगी इसके लिए अस्पताल के परफॉर्मा भरकर इस ईमेल आईडी पर amphoharyana@gmail.com पर भेजना होगा। उच्च अधिकारियों के निर्देश अनुसार सरकारी अस्पतालों में यह इंजेक्शन फ्री में मिलेगा। वहीं निजी अस्पतालों में इसकी रेट को निर्धारित किया गया है। इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए जो व्यक्ति पहले आएगा उसको मिल जाएगा यानी पहले आओ और पहले पाओ।
– महामारी से ठीक होने के बाद सिर में दर्द।
– नाक व आंख से पानी आना।
– आंख व नाक में सूजन।
– आंख के चारों तरफ दर्द होना।
– धुंधला या नहीं दिखाई देना।
– साइनस के लक्षण होना।
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…
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