महामारी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार ने पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया है वहीं अब सरकार के इस फैसले का विरोध बढ़ता जा रहा है। गांव डाटा, मसूदपुर के बाद रोघी खाप के एक और गांव महजत में पंचायत ने लॉकडाउन के बहिष्कार का फैसला लिया है। ग्रामीणों ने कहा है कि जब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा गांव में किसी भी नेता या अधिकारी को नहीं घुसने दिया जाएगा।
ग्रामीण जगदीप चहल ने कहा कि जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही कोविड के नियम को तोड़ रहे हैं तो इसे आम जनता पर क्यों थोपा जा रहा है। पूरे गांव ने संयुक्त रुप से यह फैसला लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि हिसार में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सरेआम लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई।
किसानों पर बर्बरता से लाठीचार्ज की गई जिसमें हमारी माता-बहनें गंभीर रूप से घायल हुई। उन्हीं किसानों पर धारा 307, लॉकडाउन तोड़ने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इसे किसी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।
ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस प्रशासन गांव में आकर साइकिल पर घूमने वालों व गांव में छोटी-छोटी दुकानों का भी चालान कर रहा है। गांव में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को नहीं घुसने दिया जाएगा। कोई अधिकारी घुसने का प्रयास करेगा तो पूरा गांव विरोध करेगा।
इससे पहले मसूदपुर गांव की पंचायत ने सरकार के विरोध में कोरोना नियमों को मानने से इनकार कर दिया था। ग्रामीणों ने लॉकडाउन का पालन नहीं करने और पुलिस को गांव में नहीं घुसने देने का फैसला लिया था।
सर्वसम्मति से गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बनाए गए कोरोना केयर सेंटर को हटाने और पुलिस प्रशासन और कोरोना जांच से संबंधित किसी भी टीम के गांव में आने पर पूर्णतय पाबंदी लगा दी गई थी।
इसके बाद डाटा गांव ने भी किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन का एलान किया है। गांव में हुई पंचायत में फैसला लिया गया है कि ग्रामीण लॉकडाउन को नहीं मानेंगे। गांव में रोजाना दुकानें खुलेंगी।