कोई नहीं छू रहा था लावारिस शव सभी ने छूने से किया माना, फिर महिला पुलिसकर्मी ने किया ऐसा काम सभी कर रहे तारीफ

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    यह बात कभी न कभी हमने सुनी होती है कि पुलिस सेवा करने के लिए बनी है। लेकिन इस बात का साक्ष्य भी अब मिल गया है। जी हाँ, कभी आंसू गैस के गोले, कभी लाठी चार्ज. कभी प्रदर्शन के बीच पानी की बौछार, तो कभी ट्रैफिक पर नोक-झोंक। अक्सर पुलिस को लेकर ऐसी ही तस्वीरें सुर्खियां बनाती हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो पुलिस की बनी छवि पर मानवता का गहरा रंग पोत देती है।

    इस तस्वीर को देख कर सभी की आंखें नंम हो रही हैं, और सम्मान में पलकें झुक रही हैं। पुलिस का काम लोगों का सेवा करना है विषम परिस्थितियों में भी पुलिस इस बात को साबित करते हैं। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले की महिला सब-इंस्पेक्टर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। तस्वीर में महिला सब इंस्पेक्टर के कंधे पर एक बुर्जुग आदमी की लावारिस लाश है।

    कोई नहीं छू रहा था लावारिस शव सभी ने छूने से किया माना, फिर महिला पुलिसकर्मी ने किया ऐसा काम सभी कर रहे तारीफ

    यह तस्वीर काफी वायरल हुई है। यह घटना भी कुछ महीनों पहले की है। आज भी उस तस्वीर को देखकर सभी सम्मान जता रहे हैं। महिला सब-इंस्पेक्टर कोट्टूरू सिरिशा को एक ड्यूटी के दौरान लवारिस लाश की सूचना मिली। जिसकी मदद के लिए कोई भी सामने नहीं आ रहा था। स्थानीय लोग उसे भिखारी बता रहे थे।

    कोई नहीं छू रहा था लावारिस शव सभी ने छूने से किया माना, फिर महिला पुलिसकर्मी ने किया ऐसा काम सभी कर रहे तारीफ

    किसी ने उस समय मानवता की पेशकश नहीं की। सभी अमानवीय हो गए। सब-इंस्पेक्टर ने गांव वालों से अपील की। लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। अंत में महिला पुलिसकर्मी ने लाश को अपने कंधों पर उठा लिया। इसके लिए किसी ट्रस्ट ने उनकी मदद नहीं की। इसके बाद मेकशिफ्ट स्ट्रेचर की मदद से शव को लेकर किलोमीटर का सफर भी तय किया।

    स्थानीय लोग इस महिला पुलिसकर्मी को हीरो बता रहे हैं। वह लोग भी मदद कर हीरो बन सकते थे। कई लोगों ने उनकी तारीफ की है जैसे वर्दी का मतलब क्या होता है देशभक्ति और मानवता क्या होती है इस पुलिसकर्मी ने बताया है।