सांसद डा सुशील गुप्ता ने आज एक बार फिर हरियाणा सरकार को कटघरे में खडा करते हुए कहा कि हरियाणा के सुदूर गांवों में कोरोना ग्रासित लोगों की सेवा करने वाले आशा वर्कस को सरकार सुरक्षा जरूरी उपकरण पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स, मुहैया नहीं करा रही है, जिसे इनकी जान पर खतरा है, साथ यह सुपर स्पेडर का भी काम करके अन्य लोगोे तक संक्रमण फैला सकते है, इसलिए सरकार को आशा वर्कस व अन्य वारियर्स को जरूरी संसाधन उपलब्ध करवानी चाहिए।
इस कठिन घडी में यह सभी अपनी जान जोखिम में डालकर सेवारत है। इस लिए सरकार को फ्रंट लाइन वरियर्स का बीमा कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
आम आदमी पार्टी के सांसद व हरियाणा सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता प्रदेश में पिछले कई दिनों से लगातार अपने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ गूगल मीटिंग के माध्यम से दिशानिर्देश दे रहें है, कि महामारी की स्थिति पर नजर बनाए रखें, जिससे जनहित की सेवा की जा सकें और सरकार वा प्रशासन की लापरवाही को उजागर करे ताकि सरकार पर दवाब बना सकें।
डा गुप्ता ने सरकार पर आरोप लगाया कि वर्तमान स्थिति में हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दवाब है,इसलिए ससमय गांव में कैंप लगाकर परीक्षण करना चाहिए। और जिन लोगों में लक्षण हैं, उनको कोविड प्रोटोकाल के तहत जरूरी दवाइयां, आक्सीमीटर, थर्मामीटर,स्टीमर आदि के किट बनाकर आशा वर्कस सहित अन्य वारियर्स के सहयोग से लोगों तक उपलब्ध करवाने की बात की जा रही है। मगर हकीकत इससे कोसो दूर है। इसलिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए तथा जिन लोगों की वजह से यह नहीं हो पा रहा है उन पर कडी कारवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देखने में यह भी आर रहा है सरकार द्वारा मरीजों को महामारी की दवा कितने दिन लेनी है,तथा क्या करना है। इसके लक्ष्ण पर क्या दवा लेनी है, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई।
डा गुप्ता ने सरकार की इस कार्यप्रणाली से कॉविड जैसी महामारी पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है। इसलिए वह निर्देश दे कि मरीजों को दी जाने वाली किट में ही सारी जानकारी उपलब्ध करवा दी जाए और प्रशिक्षित आशा वर्कस से जानकारी दी जाए।