महामारी का दौर दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। वैसे-वैसे जिले में ब्लैक फंगल अपने पैर पसारते हुए नजर आ रहा है। महामारी के दौर में जहां मरीजों को ऑक्सीजन और बेड की कमी के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
वहीं अब इस ब्लैक फंगल के उपचार में इस्तेमाल किए जाने वाला इंजेक्शन की कमी के चलते मरीजों को तो परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। लेकिन अस्पताल को हर रोज पीजीआई रोहतक से जाकर इंजेक्शन लाने पर रहे हैं। क्योंकि उनको पीजीआई रोहतक से डेलीबेस के तर्ज पर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाते हैं।
इसके अलावा उनको मरीजों की संख्या के अनुसार ही इंजेक्शन दिए जाते हैं। इसी वजह से अस्पताल को हर रोज रोहतक पीजीआई जाकर इंजेक्शन की डिलीवरी लेनी होती है। डिलीवरी से पहले उनको सुबह 9:00 बजे से पहले उनको डिमांड भेजनी होती है कि आज उनको कितने इंजेक्शन की आवश्यकता है और उनके पास कितने मरीज अस्पताल में भर्ती है।
इंजेक्शन को लाने ले जाने में ही उनका पूरा दिन गुजर जाता है। जिसकी वजह से वह 1 दिन छोड़कर दूसरे दिन जाकर डिलीवरी ले रहे हैं। ईएसआई मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के रजिस्ट्रार डॉ एके पांडे ने बताया कि जब महामारी का दूसरा फेस शुरू हुआ था।
तब उनके अस्पताल में महामारी से ग्रस्त मरीजों के लिए महत्वपूर्ण दवाइयां काफी संख्या में उपलब्ध थी। उनको उन दवाइयों के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा था। चाहे वह remdesivir इंजेक्शन ही क्यों ना हो। उनके पास अभी भी काफी संख्या में यह इंजेक्शन स्टोर में मौजूद है।
लेकिन ब्लैक फंगल से ग्रस्त मरीजों को इंजेक्शन दिया जाता हम की शॉर्टेज होने की वजह से अस्पताल को हर रोज रोहतक से उसको लाना पड़ता है। क्योंकि वह दिल्ली बेस्ट के तर्ज पर उनको यकीन प्रोवाइड करवाते हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार के द्वारा भी उनको कुछ समय बाद इंजेक्शन दिए जाएंगे उन्होंने बताया कि अगर उनको अधिकारियों के द्वारा 5000 खरीदने की परमिशन मिल जाती है। तो वह तुरंत एक्शन को खरीद लेंगे। जिससे कि आने वाले समय में ब्लैक फंगल के मरीजों को उपचार के लिए किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।