26 मई बुधवार को किसानों के द्वारा मनाए जाने वाले काले दिवस पर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता हरियाणा भर में काले झंडे घरों में लगाकर अपना विरोध जताएगी। उनकी पार्टी शुरू से ही किसान आंदोलन में किसानों के साथ संसद से सडक मे साथ खडी है-यह बात आज आम आदमी पार्टी सांसद व हरियाणा सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता ने कही।
डा गुप्ता ने कहा कि पिछले 6 महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। उन्होंने आंदोलन में सर्दी, गर्मी तथा बरसात तक को नहीं देखा। इस दौरान आंदोलन में 500 से अधिक किसानों को काल ने अपने ग्रास में ले लिया। इसके बावजूद वह झुकने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ बातचीत तक करनी बंद कर दी।
जबकि हमारे प्रधानमंत्री कहते है कि वह 1 फोन की दूरी में हैं, मगर फोन नंबर नहीं बताते।
डा गुप्ता ने कहा किसानों की केवल एक ही मांग है कि सरकार तीनों काले कानून वापस ले तथा एमएसपी की गांरटी दें। मोदी सरकार कहती तो है पर करती नहीं। प्रधानमंत्री जी किसानों की शहादत के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं जो न केवल चिंतनीय है ,अपितु दुर्भाग्यपूर्ण है।
हरियाणा सहप्रभारी डा गुप्ता ने ऐसा ही सौतेला व्यवहार करने का आरोप हरियाणा सरकार पर भी लगाया। गुप्ता ने कहा पहले तो सरकार आंदोलन वापस लेने के लिए समझौता करती है। दूसरे ही दिन किसानों पर पुलिस द्वारा लाठी डंडे चलती है। इसका जीता जागता उदाहरण हिसार में जो कुछ हुआ वह सामने है।
उन्होंने कहा बीते सप्ताह 16 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल हिसार में एक आधे अधूरे कोविड हस्पताल उद्घाटन करने गए थे और हजारों की भीड़ इकट्ठी कर ली ,जो कोरोना के कानून का सीधा उल्लंघन है मुख्यमंत्री पर भी केस दर्ज किया जाए।
दूसरा उदघाटन का शांतिपूर्ण विरोध करने पहुंचे किसानों को पहले तो पुलिस की लाठियों से पिटवाते हैं फिर मुकदमें भी करवाते है। हरियाणा मुख्यमंत्री का यह दोहरा चरित्र नहीं तो क्या है!
उन्होंने कहा जब तक सरकार इन तीनों काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक किसान संघर्ष करते रहेंगे, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते रहेंगे।
डा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को किसान आंदोलन के 6 माह होने यानि कि बुधवार 26 मई 2021 को पूरे होने पर अपने अपने घरों पर पार्टी के झंडे के साथ, काला झंडा लगाने का आह्वान किया है।
उन्होंने बताया कि कार्यकर्ता पार्टी के बेनर व झंडों के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से अपने अपने जिले में कोरोना प्रोटोकाॅल का ध्यान रहते हुए नगर के धरना स्थलों पर काले झंडे लेकर सामूहिक हिस्सेदारी में भाग लेंगे।
उन्होंने प्रदेश सरकार से विभिन्न धाराओं में हिसार घटना के बाद किसानों पर दर्ज मुकदमे तथा तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को भी दोहराया।