संक्रमण के बढ़ते प्रभाव और इससे जुड़े पहलुओं या किसी भी प्रकार की समस्या के लिए जिला प्रशासन द्वारा जो कोविड-19 के लिए कॉल सेंटर शुरू किया था उसमें 28 दिन में 3850 कॉल के माध्यम से आमजन की समस्याओं का निस्तारण कॉल सेंटर की टीम द्वारा परिपूर्ण तरीके से किया गया। इस दौरान यह बात सामने निकलकर आई कि लोग ऑक्सीजन सिलेंडर से ज्यादा रेमडेसीविर इंजेक्शन की जानकारी हासिल करने में जुटे हुए हैं।
दरअसल फरीदाबाद के जिला उपायुक्त यशपाल यादव के दिशा निर्देश के बाद से उक्त कोविड-19 कॉल सेंटर की स्थापना की गई थी जिसमें कोविड-19 संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही थी। कोविड-19 की स्थापना संक्रमण के दूसरे बेब के चलते 28 अप्रैल को करवाई गई थी।
इसमें टोल फ्री नंबर 1950 और चार अतिरिक्त टेलीफोन लाइन हैं जिनमें 0129-2221000, 2221001, 2221002, 22210003 व 22210004 नंबर स्थापित किए गए हैं । इन पर सातों दिन 24 घंटे स्टाफ तैनात है। कॉल सेंटर के नोडल अधिकारी ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत अटकन तथा कोऑर्डिनेटर डॉ. एमपी सिंह को बनाया गया है।
कॉल सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक 3850 कालरों की समस्याओं का समाधान किया जा चुका है। वैसे तो इस सेंटर की स्थापना के बाद शुरुआती दौर में विवाह शादियों की परमीशन, मूवमेंट पास व ऑक्सीजन प्राप्ति के लिए अधिकतम कॉल आती थीं। बाद में रेमडेसिविर इंजक्शन व लाइफ सेविंग ड्रग्स तथा वेंटिलेटर के लिए कॉल की संख्या बढ़ गई।
लेकिन अब अधिकतम कॉल वैक्सीन लगवाने व सरकारी मदद के लिए आ रही हैं। इसके अलावा डिपो होल्डर से संबंधित कॉल, आपसी मतभेदों के लिए पुलिस की शिकायत भी करते हैं। इसका मतलब यही है कि कहीं ना कहीं यह कोविड-19 जिले वासियों के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है, और लोगों में जागरूकता भी देखी जा सकती है।
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