अस्पताल में ड्यूटी करने के बाद सोसाइटी के आइसोलेशन वार्ड में निस्वार्थ भाव से करती है सेवा

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महामारी के दौर में डॉक्टर व मेडिकल सोचते हैं कि वह जादू ज्यादा पैसा कमा लें। लेकिन जिले में कुछ ऐसे डॉक्टर भी मौजूद है। जो सोचते हैं कि इस दौरान वह अपनी ड्यूटी के साथ-साथ सेवा भी करें।

तो उनको काफी अच्छा लगता है।इसीलिए जिले की एक महिला डॉक्टर अस्पताल में ड्यूटी देने के बाद उनकी सोसाइटी में बने आइसोलेशन वार्ड में भी अपनी सेवा दे रही है।

अस्पताल में ड्यूटी करने के बाद सोसाइटी के आइसोलेशन वार्ड में निस्वार्थ भाव से करती है सेवा

इसके अलावा उनके द्वारा सोसाइटी में काम करने वाले कर्मचारियों को इम्युनिटी पावर को बढ़ाने के लिए दवाई दी गई। जिससे इम्यूनिटी पावर काफी इनक्रीस होगी और वह महामारी की चपेट में आने से बच पाएंगे। सेक्टर 86 ओजोन पार्क अपार्टमेंट की रहने वाली डॉक्टर अदिति ने बताया कि वह एक निजी अस्पताल में होम्योपैथी डॉक्टर है।

अस्पताल में ड्यूटी करने के बाद सोसाइटी के आइसोलेशन वार्ड में निस्वार्थ भाव से करती है सेवा

महामारी के दौरान उनके पति ने कहा कि वह कुछ ऐसा करें कि इस सोसाइटी में काम करने वाले कर्मचारियों को महामारी से बचाया जा सके। तो उन्होंने सोसाइटी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए दवाई फ्री में दी गई।

इसके अलावा सोसाइटी में महामारी से ग्रस्त मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जिसमें उनके द्वारा भी फ्री सेवा समय समय पर दी जाती है। उन्होंने बताया कि महामारी की जो तीसरी लहर शहर में दस्तक देने वाली है।

अस्पताल में ड्यूटी करने के बाद सोसाइटी के आइसोलेशन वार्ड में निस्वार्थ भाव से करती है सेवा

वह सिर्फ बच्चों पर ही नहीं बल्कि बड़ों पर भी असर कर सकती है। क्योंकि जिन की इम्युनिटी पावर कम होगी वह उस से ग्रस्त हो सकता है। इसीलिए सभी को इस चीज का ध्यान रखना चाहिए। वहीं उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगल एक ऐसी बीमारी है जो चेहरे के साथ-साथ लंग पर भी असर करती है।

अस्पताल में ड्यूटी करने के बाद सोसाइटी के आइसोलेशन वार्ड में निस्वार्थ भाव से करती है सेवा

इसलिए महामारी के साथ-साथ ब्लैक फंगल से भी अगर आपको बचना है तो मास्क और 6 गज की दूरी का प्रयोग करें। डॉ अदिति ने बताया कि वह निजी अस्पताल में डॉक्टर है और महामारी से ग्रस्त मरीजों को ठीक करने में उनका काफी सहयोग रहा है।

इसीलिए वह अस्पताल में ड्यूटी करने के बाद कई बार देर रात आई थी। मरीजों से हालचाल पूछने के लिए आ जाती है। अगर उस दौरान किसी मरीज को कोई परेशानी होती है। तो वह उसका उपचार भी उनको देती है। आरडब्ल्यूए के प्रधान चेतन रावत ने मेंटेनेंस टीम को उनकी सुरक्षा के लिए मास्क वितरित किए।