महामारी का प्रकोप हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। हर तरफ स्थिति काफी भयावह है। महामारी की दूसरी लहर ने देश में कहर मचाया है। अब अमरनाथ यात्रा पर दूसरे साल भी महामारी का संकट मंडरा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में संक्रमित मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए पिछले एक माह से अधिक समय से बंद अग्रिम यात्री पंजीकरण प्रक्रिया को बहाल नहीं किया जा सका है।
पिछले साल भी बाबा बर्फानी के भक्तों को निराशा हाथ लगी थी। महामारी ने इस साल भी इसे जारी रखा है। यात्रा शुरू होने के लिए एक माह ही बचा है, लेकिन महामारी के चलते तैयारियों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
देश में महामारी का संकट बढ़ता जा रहा है। अमरनाथ यात्रा इस बार होगी या नहीं इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। बोर्ड अधिकारी यात्रा प्लान पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन अगर इस बार भी संक्रमित मामलों का आना जारी रहा तो आखिर में सांकेतिक रूप से यात्रा करवाई जा सकती है। इस साल 28 जून से शुरू हो रही यात्रा को 56 दिन की अवधि में करवाया जाना है।
चार धाम यात्रा पर भी महामारी का साया है। श्रद्धालु वहां भी नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि कपाट खुल चुके हैं। अमरनाथ यात्रा में यात्रियों की सहूलियत के लिए श्रीनगर से बालटाल तक हेलिकाप्टर सेवा शुरू करने की भी तैयारी थी, जिसके लिए निविदा जारी की गई थी। बालटाल से दोमेल तक पहली बार निशुल्क बैटरी कार सेवा शुरू किए जाने का प्रस्ताव है।
दूसरी लहर का कहर भले ही कम हुआ हो लेकिन महामारी की भयावता से राहत नहीं मिली है। हर तरफ संकट के बादल अभी भी छाए हुए हैं। सतर्कता के साथ ही इस महामारी से निजात मिल सकता है।