बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा के खिलाफ हिसार के पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत दी गई है। शिकायत के अनुसार रणदीप में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के बारे में एक टॉक शो के दौरान गलत शब्दावली का इस्तेमाल किया है।
शिकायतकर्ता ने रणदीप के खिलाफ SC/ST एक्ट में केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग की है।
शिकायतकर्ता मलकीत सिंह पेशे से वकील हैं। उनका कहना है कि रणदीप हुड्डा ने एक टॉक शो के दौरान मायावती का नाम लेकर अंग्रेजी में एक जोक सुनाया था। इसमें उन्होंने दलित समाज की सर्वमान्य नेता और BSP प्रमुख मायावती के बारे में अश्लील, आपत्तिजनक, जातिवादी, महिला विरोधी और नस्लवादी टिप्पणी की है।
उस टॉक शो को दूरदर्शन के अलावा सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया में देखा गया है, जिसके चलते दलित समाज के करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि जाट समाज से ताल्लुक रखते अभिनेता रणदीप हुड्डा ने जान-बूझकर पूरे दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। अपनी शिकायत के साथ एडवोकेट मलकीत सिंह ने संबंधित आपत्तिजनक जोक की वीडियो CD भी सौंपी है।
उनकी मांग है कि रणदीप के खिलाफ अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
साल 2012 का है वायरल हुआ विवादित वीडियो
दरअसल, हाल ही में रणदीप का एक वीडियो वायरल हुआ है। वर्ष 2012 में एक टॉक शो के दौरान का बताए जा रहे इस वीडियो वह सोशल मीडिया के बारे में बात कर रहे हैं। इसी बीच वह एक ‘डर्टी जोक’ सुनाने की बात कहते हैं।
UN ने एंबेसडर के पद से हटाया
वीडियो वायरल होने के बाद अभिनेता को यूनाइटेड नेशन ने जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण सम्मेलन (CMS) के एम्बेसडर के पद से हटा दिया है। CMS सचिवालय ने कहा कि वीडियो में की गई टिप्पणियों को आपत्तिजनक पाया गया है।
इसमें यह भी कहा गया है कि जब हुड्डा को फरवरी 2020 में प्रवासी प्रजातियों के लिए CMS एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया था, उस समय संगठन इस वीडियो से अनजान था। अब जानकारी होने के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है।
दलित समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के मामले साामने आते रहे हैं। हांसी में दर्ज एक FIR के मुताबिक पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह पर जातिवादी टिप्प्णी करने का आरोप है। इस केस को दर्ज कराने में शिकायतकर्ता को करीब 8 महीने का वक्त लग गया। इस मामले में फिलहाल अगले आदेश तक हाईकोर्ट ने युवराज की गिरफ्तारी पर रोक लगाा रखी है।