पिता के लिए मदद माँगती रही बेटी… सलून खोलने मैं लगे रहे केजरीवाल :- दिल्ली में कोरोनावायरस की त्रासदी के बीच आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार की संवेदनहीनता भी अपनी सीमाएँ लांघ रही है। अरविंद केजरीवाल अपने प्रचार में इस प्रकार से व्यस्त हैं कि आम लोगों को हो रही परेशानियों पर कोई ध्यान नहीं देने वाला है।
विज्ञापनों के लालच में अंधा हो चुका मुख्यधारा मीडिया भी ऐसी कहानियों को दबाने में जुटा है। 2 जून की सुबह दिल्ली में रहने वाली अमरप्रीत नाम की एक महिला ने ट्वीट किया कि उसके पिता में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। वो कोरोना पॉज़िटिव भी हैं।
तुरंत सहायता की ज़रूरत है। अमरप्रीत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और दिलीप पांडेय को टैग भी किया। लेकिन कोई सहायता नहीं मिली।
इससे एक दिन पहले ही विवादित पत्रकार सागरिका घोष ने एक ट्वीट किया कि मेरे बाल लंबे हो गए हैं और अब हेयरकट की ज़रूरत है तो केजरीवाल ने एक मिनट के अंदर जवाब दे दिया था। सवाल है कि क्या मुश्किल में फंसे आम लोगों के लिए मुख्यमंत्री के पास समय नहीं है?
जब बेड है ख़ाली तो भर्ती क्यों नहीं किया?
अमरप्रीत की तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली सरकार की हेल्पलाइन वग़ैरह से उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। इस दौरान उनके पिता का बुख़ार बढ़ता गया। 4 जून यानी आज सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर ट्वीट किया कि “मेरे पिता को तेज़ बुख़ार है। हमें अस्पताल जाना अब ज़रूरी हो गया है। मैं दिल्ली के सरकारी लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP Hospital) के बाहर खड़ी हूँ।
वो इन्हें भर्ती करने को तैयार नहीं हैं। मेरे पिता को अब सांस लेने में दिक़्क़त हो रही है। वो बिना सहायता के नहीं बचेंगे।” इस ट्वीट में भी उन्होंने केजरीवाल, सिसोदिया, दिलीप पांडे को टैग किया। साथ में सत्येंद्र जैन और राघव चड्ढा को भी टैग करके मदद माँगी। लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया। इसके क़रीब ठीक एक घंटे बाद 9 बजकर 8 मिनट पर अमरप्रीत ने ट्वीट किया कि “अब मेरे पिता नहीं रहे।”
केजरीवाल के दावों पर उठ रहे सवाल
पिता के लिए मदद :- अरविंद केजरीवाल अख़बारों और चैनलों पर विज्ञापन देकर दावा कर रहे हैं कि दिल्ली में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज़ों के लिए बेड उपलब्ध हैं। उन्होंने इस बारे में एक मोबाइल एप भी जारी किया है, जिसके मुताबिक़ अब भी दिल्ली में कोरोना के लगभग 4000 बेड ख़ाली हैं।
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ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ये दावे फ़र्ज़ी हैं? क्योंकि यही स्थिति दिल्ली के लगभग सभी अस्पतालों में है। सरकार लोगों से अपने घर में ही क्वारंटाइन रहने को और बहुत ज़रूरी होने पर ही अस्पताल आने को कह रही है। लेकिन अगर हेल्पलाइन से न तो घर पर मदद मिले और न ही अस्पताल में भर्ती किया जाए तो लोग क्या करेंगे?
समस्या यह है कि देश की राजधानी में परिस्थितियाँ विकराल होती जा रही हैं लेकिन केजरीवाल सरकार देश की आँखों में धूल झोंकने में जुटी है। यह आरोप भी है कि दिल्ली में कोरोना से मरने वाले मरीज़ों की संख्या कम करके बताई जा रही है।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने यह मामला उठाया है, उन्होंने ट्विटर पर हो रहे इस पूरे संवाद को जारी करके दिल्ली सरकार को घेरा है।
देखिए केजरीवाल का वो ट्वीट जो बताता है कि संकट के इस समय में उनकी प्राथमिकता क्या है
पोस्ट क्रेडिट : NewsLoose