महामारी का दौर जो 2 महीने पहले था। वही आखिरकार आज वापस आई गया। लेकिन अगर हम पॉजिटिव मरीजों की संख्या की बात करें तो उसमें तो कमी नहीं देखी गई है। लेकिन अगर हम रिकवरी रेट की बात करें तो वही रिकवरी वापिस आ गया है। जो 2 महीने पहले था।
यानी 29 मार्च 2021 को रिकवरी रेट 98% था। वहीं आज यानी 29 मई को 98 प्रतिशत पाया गया है। इससे यह तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि महामारी से ग्रस्त मरीजों के ठीक होने की संख्या में तो इजाफा हो रहा है।
लेकिन महामारी से ग्रस्त मरीजों की संख्या में कमी देखी नहीं गई है। अगर हम 29 मार्च के आंकड़ों की बात करें तो उस समय जो महामारी से ग्रस्त मरीजों की संख्या 97 थी। लेकिन अगर हम आज यानी 29 मई के आंकड़ों की बात करें तो आज यह संख्या कुछ हद तक बढ़ कर 102 मरीज तक पहुंच गई है यानी मरीजों की संख्या में तो कुछ ही कमी देखी गई है।
लेकिन रिकवरी रेट में काफी बढ़ोतरी हुई है।पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी और रिकवरी रेट में बढ़ोतरी का मुख्य कारण लॉकडाउन है। क्योंकि प्रशासन और सरकार के द्वारा अगर लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो लोग बेवजह घर से बेपरवाह होकर बाहर निकलते हैं और वह महामारी से ग्रस्त हो जाते।
जिससे कि है आंकड़ा हजारों की संख्या तक पहुंच सकता था। लेकिन उसी आंकड़े को कम करने के लिए सरकार के द्वारा लॉकडाउन लगाया गया और उसका असर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से नजर आ रहा है। अगर हम 29 मार्च के आंकड़ों की बात करें तो उस दौरान जहां पहुंचे मरीजों की संख्या 97 थी।
वही अगर हम ठीक हुए मरीजों की संख्या की बात करें तो उसका आंकड़ा 63 था। लेकिन अगर मृत्यु दर की बात करें तो उस समय किसी भी मरीज की मृत्यु महामारी से ग्रस्त होने की वजह से नहीं हुई थी। वहीं अगर हम 29 मई के आंकड़ों की बात करें तो पहुंचे मरीजों की संख्या 102 पाई गई है।
लेकिन अगर हम ठीक हुए मरीजों की संख्या की बात करें तो 255 मरीज ठीक होकर अपने घर को गए हैं। लेकिन अगर हम मृत्यु दर की बात करें तो पिछले 24 घंटे में 2 मरीजों की महामारी से ग्रस्त होने की वजह से मृत्यु हो गई है। लॉकडाउन के वजह से पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी और रिकवरी रेट में बढ़ोतरी देखने को मिली है। लेकिन मृत्यु दर में अभी और कमी पाई जानी है।