महामारी के इस दौर में वैक्सीन को संजीवनी के रूप में देखा जा रहा है परंतु वैक्सीन केंद्रों पर वैक्सीन के लिए वितरित किए जाने वाले टोकन दो घंटे में ही खत्म हो रहे हैं।
वैक्सीन केंद्रों पर औसतन सौ से दो सौ टीके ही मिल पा रहे हैं, उनमें भी शुरू में बनाए गए वैक्सीन केंद्रों में करीब 25 फीसदी केंद्रों पर ही वैक्सीन मिल रही है। बाकी करीब 75 फीसदी केंद्रों पर वैक्सीन ही नहीं पहुंच पा रही है।
वैक्सीन केंद्रों पर आलम यह है कि कई जगह भीड को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलानी पड रही है। बीके अस्पताल में शुक्रवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां लोगों की खासी भीड एकत्रित हो गई, जबकि टोकन जल्द ही खत्म हो गए।
ऐसे में जब लोग टोकन मांगने लगे तो स्वास्थ्य कर्मियों ने डोज नहीं होने की बात कहकर लोगों को वापस भेजने लगे और अगले दिन आने की सलाह देने लगे। इस पर लोग काफी भडक गए।
वैक्सीन के नोडल अधिकारी डाक्टर श्योकंद का कहना है कि वैक्सीन सरकार भेजती है, जितनी वैक्सीन आती है उसी आधार पर वैक्सीन के लिए केंद्र तय किए जाते हैं।
गांव में वैक्सीन कम होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि गांव में आबादी कम है तो वहां वैक्सीन भी कम ही लगी हैं और शहर में आबादी ज्यादा है तो यहां वैक्सीन ज्यादा लगाई जा रही है।
शुक्रवार को 9913 लोगों को टीका लगा। 18 साल से 44 साल की आयु के 6597 लोगों को टीका लगाया गया। जबकि 3316 अन्य लोगों को टीके लगाए गए। 41 केंद्रों पर टीके लगाए गए। इनमें एक सेंटर निजी अस्पताल में चला। जारी बुलेटिन में टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉक्टर राजेश श्योकंद ने यह जानकारी दी।