आपने पहले भी सड़कों पर आपात विमान की लैंडिंग को देखा होगा और सुना होगा। यह आपात लैंडिंग बड़े हादसों को रोकने के लिए कारगर साबित होती है। ऐसा ही मामला है मथुरा जिले के नौहझील थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे का। यहाँ आपात लैंडिंग के बाद टेलीक्रॉस कंट्री फ्लाइट्स का टू सीटर एयरक्राफ्ट उड़ान नहीं भर सका।
उड़ान की ज़रूरत बहुत की लेकिन वह नहीं उड़ सका। इसलिए इंजीनियर विमान के पंखे और उसके कलपुर्जे खोल अलीगढ़ ले गए। बता दें कि गुरुवार दोपहर को अलीगढ़ की धनीपुर मंडी से उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही एयरक्राफ्ट को यमुना एक्सप्रेसवे पर आपात लैंडिंग करानी पड़ी थी। इससे बड़ा हादसा होने से बच गया।
एक्सप्रेस वे पर कई बार विमानों की आपात लैंडिंग करवाई जाती है। जिस से हादसों से बचा जा सके। आपको याद होगा कि कुछ सालों पहले यमुना एक्सप्रेस वे पर वायु सेना के विमान की लैंडिंग कराई गई थी। एयरक्राफ्ट में इंस्ट्रक्टर कैप्टन जागृत सिंह और ट्रेनी आदित्य घोष सुरक्षित बच गए। विमान की लैंडिंग के बाद एक्सप्रेसवे पर दोनों तरफ वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी। विमान को एक्सप्रेसवे पर देखकर ग्रामीण दंग रह गए थे।
विमान को एक्सप्रेसवे पर देखकर वहां लोगों की भीड़ लग गयी। दूर – दूर से लोग लोग विमान को देखने आने लगे। इस विमान को अलीगढ़ के पॉयनियर कंपनी से बुलवाए गए इंजीनियर भी एयरक्राफ्ट की कमियों को सही करने में सफल नहीं रहे। देर रात तक जुटे रहे इंजीनियरों ने निर्णय लिया कि अब तो यह कंटेनर से ही अलीगढ़ जाएगा। इसके बाद इंजीनियर इसके कलपुर्जे खोलने में जुट गए।
किसी को असुविधा न हो इसलिए पुलिस ने घेरा बना लिया जिससे ट्रैफिक सुचारु रूप से चले। यमुना एक्सप्रेसवे पर एयरक्राफ्ट की आपातकालीन लैंडिंग होने के बाद आसपास के ग्रामीण उसे देखने के लिए दौड़ पड़े थे। हर कोई एयरक्राफ्ट को देखकर अचंभित रह गया।