मजदूर प्रवासियों का अपना घर जाना हो रहा है जिससे शहर के विकास पर असर देखने को मिल रहा है। इस का मुख्य कारण बना हुआ है। साथ ही लोगों को अपनी सेहत का ख्याल भी अब पहले से ज्यादा है। पिछले वर्ष से सबक लेते हुए मजदूरों ने परिवार को मूलस्थान पर ही रखा हुआ है ताकि कोरोना के दौरान पिछले वर्ष की तरह उनको पैदल हजारों किलोमीटर का रास्ता न तय करना पडे।
एनसीआर के बीच मजबूत कनेक्टिविटी का माध्यम बनने वाला यमुना मंझावली पुल संक्रमण को लेकर लगे लाकडाउन के बाद एक बार फिर थम गया है। इसके निर्माण की रफ्तार अब मानसून के बाद ही तेज हो पाएगी।
क्योंकि मजदूरों के जाने के बाद काम बंद हो गया अब मानसून के दौरान यमुना का जलस्तर काफी बढ जाएगा तो ऐसे में निर्माण कार्य जारी रखना जोखिम भरा होगा। वैसे भी नियमानुसार बारिश के दौरान यमुना किनारे निर्माण कार्य सहित बाकी खेती को भी बंद करवा दिया जाता है।
राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की रफ्तार भी धीमी पड गई है। यहां भी कोरोना के दौरान मजदूरों के घर जाना मुख्य कारण है। हालांकि लाकाउन खुलने के बाद अब कुछ रफ्तार बढने की उम्मीद है, लेकिन कोरोना की वजह से इसके निर्माण कार्य पूरा होने में भी अब समय लगेगा। पहले इस वर्ष तक इसको पूरा करने का दावा किया जा रहा था, मगर अभी कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि स्टेडियम के निर्माण का कार्य नगर निगम को सौंपा हुआ है। इसकी निर्माण एजेंंसी निगम है। हालांकि निर्माण के लिए पैसा सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के सुपुर्द करने की तैयारी है। इसको लेकर सरकार ने इसकी कागजी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप संधू ने बताया कि यमुना मंझावली पुल का निर्माण फिलहाल मजदूर नहीं होने से धीमा हो गया है। मजदूर अब आने लगे हैं। उम्मीद है अब इसकी रफ्तार तेज हो जाएगी।