इस बात से देश का हर नागरिक अवगत है कि कोरोना वायरस से बचने हेतु लगाए गए लॉक डाउन के कारण कई सैकड़ों परिवारों के सामने आजीविका का साधन ना होने से आर्थिक तंगी उत्पन्न हुई थी। जिसके लिए फरीदाबाद के विधायक ने अपने विधानसभा के लोगों को उनका हक दिलाने के लिए ओद्यौगिक क्षेत्र के प्रबंध न से अपील करते हुए।
लॉक डाउन के दौरान कंपनी से दी गई अवकाश के लिए वेतन में कटौती ना करने की अपील की थी साथ ही उन्होंने वीडियो संदेश के माध्यम उनकी विधानसभा में रह रहे लोगों के किसी भी तरह की परेशानी के लिए उनसे संपर्क साधने की इच्छा जागृत की थी।
वहीं अब एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कोरोना महामारी संकट के कारण पैदा हुई स्थिति से अवगत कराते हुए धार्मिक स्थलों के देख रेख़ करने वालो की पीड़ा से अवगत कराते हुए उक्त लोगों के लिए मासिक वेतन के रूप में 7500/- रुपए देने की मांग की है।
पत्र में विधायक ने लिखा कि कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित किया है। जिसमें दिहाड़ी मजदूरों से लेकर कारोबारियों व वेतनभोगी कर्मचारियों तक की आय प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लागू हुए लॉक डाउन से मंदिरों, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च, जैन मंदिरों मठों के आदि के बंद होने के कारण उक्त स्थानों पर पूजा पाठ करने वालों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि जैसे बफ्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मस्जिदों के इमाम को ₹7500/- प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है। इसी तर्ज पर हरियाणा में मंदिरों के पुजारियों, जैन मंदिरों के पुजारियों तथा जो मस्जिद बफ्फ़ बोर्ड के अधीन नहीं है उनको भी 7500/- प्रतिमाह वेतन दिया जाए ताकि इस संकट की घड़ी में गुजारा चला सकें।