एक तरफ जहां देश कोरोना वायरस के संकट से लड़ रहा है वहीँ दूसरी तरफ अपराध की दुनिया बड़े पैमाने पर अपराधों को अंजाम दे रही है | खबर देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आ रही है। दिल्ली आईआईटी फ्लाईओवर पर निडर अपराधियों ने बंदूक की नोक पर सरेआम एक पायलट को लूट लिया। अपराधियों ने सिर्फ लूट-पाट ही नहीं की बल्कि उन्होंने पायलट पर चाकू से हमला भी किया। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर घटना की छानबीन शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, तीस वर्षीय युवराज सिंह तेवतिया नामक पायलट जो की स्पाइस जेट में कार्यक्रत हैं, देर रात करीब एक बजे एयरपोर्ट जा रहे थे। वह जैसे ही दिल्ली के आईआईटी फ्लाइओवर पर पहुंचे कि एक दम से चार से पांच बाइकों पर आठ से दस अपराधी मास्क पहने पहुंचे और उनकी गाड़ी को रोका। पुलिस ने बयान दिया है कि अपराधियों ने सबसे पहले गाड़ी के शीशे तोड़ दिए और युवराज की कनपटी पर बंदूक तान दी । अपराधियों ने पायलट का सामान और तकरीबन दस हजार रुपए नगद लूट लिए।
जिस गाडी में पायलट सवार थे वह टैक्सी, एक मारुति स्विफ्ट थी जिसकी खिड़कियों को अपराधियों ने तोड़ दिया | पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) देवेंद्र आर्य ने कहा, पायलट ने आरोप लगाया है कि अपराधियों ने उस पर पिस्तौल तान दी और उसे डराने के लिए उसकी जांघ पर चाकू रख दिया। इस तरह उसकी जांघ पर खरोंच आ गई। शिकायत में, पायलट ने कहा कि वह दिल्ली-मुंबई उड़ान भरने के लिए फरीदाबाद से हवाई अड्डे के लिए अपने रास्ते पर था, सुबह 3 बजे उड़ान भरनी थी |
पुलिस उपायुक्त कहा कि ईआरवी में अधिकारियों द्वारा बाइक के पंजीकरण नंबर नोट किए गए हैं , जिसके माध्यम से आरोपियों का पता लगाया जाएगा। आर्य ने कहा कि पायलट उड़ान से चूक गया, और पुलिस द्वारा फरीदाबाद में अपने घर वापस ले जाया गया। मामला आईपीसी की धारा 392 (डकैती), 394 (स्वेच्छा से डकैती में चोट पहुंचाने के कारण) और 397 (डकैती या डकैती के कारण मौत या दुख पहुंचाने की कोशिश) के तहत दर्ज किया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि उनके राज में दिल्ली के हर कोने में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं अगर ऐसा होता तो शायद दिल्ली में अपराधों की संख्या दिन पर दिन नहीं बढ़ती | दिल्ली में हर दिन लूट-पाट की सैकड़ों वारदातें रोज़ाना सामने आती हैं और बहुत से अपराधियों का पता तक नहीं लगता लेकिन मुख्यमंत्री यह कहते कभी नहीं चूकते की उन्होंने हर कोने को सीसीटीवी से भर दिया है |
ओम सेठी, फरीदाबाद