कोई भी विद्यार्थी ड्रॉप आउट न हो, इसके लिए माता-पिता से ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से संपर्क किया जाएगा। माता पिता की काउंसलिंग की जाएगी, समन्वय व सहयोग भी किया जाएगा।
नहीं होगी पढ़ाई, 50% हाजिरी के साथ अध्यापक व अन्य स्टॉफ पहुंचेगा
कोरोना के कारण बंद रहे स्कूल आज से खुल जाएंगे। स्कूलों में पढ़ाई नहीं होगी, लेकिन 50 फीसदी हाजिरी के साथ अध्यापक व अन्य स्टॉफ स्कूल में पहुंचेगा। शिक्षा विभाग ने एक से 15 जून की अवधि के लिए स्कूलों में कक्षा प्रभारी या विद्यालय मुखिया के उत्तरदायित्व निर्धारित कर दिए गए हैं। इनमें सबसे पहला कार्य रिपोर्ट कार्ड का होगा
वार्षिक परीक्षा परिणाम के साथ अवसर ऐप द्वारा जारी रिपोर्ट कार्ड को कक्षा प्रभारी या विद्यालय मुखिया के हस्ताक्षर के बाद एक से आठ जून के मध्य हर विद्यार्थी के माता पिता या अभिभावकों तक पहुंचेंंगे। अगली कक्षा में हर विद्यार्थी का दाखिला करने और उसे एमआईएस पर सात जून तक अपडेट करना होगा।
विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार उनके सेक्शन निर्धारित किए जाएंगे, विषयों बांट, एमआईएस पोर्टल व अवसर ऐप पर विषय, संकाय, सेक्शन की टैगिंग की जाएगी। कोविड के कारण जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की जान चली गई है, उन विद्यार्थियों की पहचान का जिम्मा कक्षा प्रभारी विद्यालय मुखिया और एसएमसी के सदस्यों को सौंपा गया है। इन विद्यार्थियों का डेटा तैयार कर मुख्यालय में भेजना होगा।
अवसर ऐप पर लगेगी अध्यापकों की हाजिरी
सभी अध्यापकों की हाजिरी अवसर ऐप पर लगेगी। इसके लिए विद्यालय के मुखिया रोस्टर बनाएंगे, यह हाजिरी ऑनलाइन लगेगी। कक्षावार विद्यार्थियों के नामांकन पर ध्यान दिया जाएगा, जो बच्चे किन्हीं कारणों से अब तक नामांकित नहीं हो पाए हैं, उनके नामांकन के प्रयास किए जाएंगे।
ड्रॉप आउट की संभावना को कम किया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी जिनके विद्यालय बदल गए हैं उन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अगले 15 दिनों तक कक्षा के प्रभारी एवं विद्यालय के मुखिया पारस्परिक आदान प्रदान से पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। वे विद्यार्थियों व अभिभावकों से समन्वय स्थापित करेंगे।
विद्यालय के रिकार्ड में पुस्तकों की संख्या व लाभान्वित विद्यार्थियों का ब्यौरा रखेंगे और अधिकारियों को उपलब्ध कराएंगे। कक्षा पांचवीं व आठवीं में जो विद्यार्थी पास हुए हैं, उन सभी विद्यार्थियों की ज़रुरत के अनुसार ऑनलाइन एसएलसी जारी किया जाएगा, यही नहीं अगले विद्यालय को सूचित किया जाएगा।
कोई भी विद्यार्थी ड्रॉप आउट न हो, इसके लिए माता-पिता से ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से संपर्क किया जाएगा। माता पिता की काउंसलिंग की जाएगी, समन्वय व सहयोग भी किया जाएगा