महामारी का असर: पढ़ाई से ड्रॉप आउट कर चुके विद्यार्थियों को वापस लाने की शिक्षा विभाग की यह है तैयारी

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शिक्षा विभाग की ओर से महामारी के बीच सरकारी स्कूलों को खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों के अनुसार 50 प्रतिशत स्टाफ स्कूलों में आएगा। शिक्षा विभाग की ओर से अध्यापकों के काम से संबंधित भी निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों के अनुसार स्कूल से ड्रॉप आउट कर चुके विद्यार्थियों तथा अभिभावकों की काउंसलिंग करना भी है।


दरअसल,लॉकडाउन का असर समाज के सभी वर्गों पर देखने को मिला है परंतु इसका सबसे ज्यादा असर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों पर देखने को मिल रहा है। इसी का परिणामस्वरूप अधिकांशतः अभिभावकों ने अपने बच्चों की पढ़ाई छुड़वा दी है। अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में स्कूल की फीस दे पाना भी मुश्किल हो रहा है।

महामारी का असर: पढ़ाई से ड्रॉप आउट कर चुके विद्यार्थियों को वापस लाने की शिक्षा विभाग की यह है तैयारी

महामारी के दूसरे चरण में सरकार की ओर से अंतिम विकल्प के रूप में पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया गया। वर्ष 2020 के लॉकडाउन की तरह ही औद्योगिक क्षेत्रों से लेकर दुकानें तक बंद करवा दी गई जिससे व्यापारी वर्ग से लेकर मजदूर वर्ग के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालात यह है कि आर्थिक रूप से परेशान होकर अभिभावकों ने अपने बच्चों की पढ़ाई छुड़वा दी है।

एनआईटी 3 स्थित मॉडल संस्कृति स्कूल के प्रिंसिपल डॉ परेश गुप्ता ने बताया कि स्कूलों को अध्यापकों के लिए खोल दिया गया है। ‌ 50% स्टाफ को आने की अनुमति दी गई है वहीं पेंडिंग वर्क पूरा करने के आदेश दिए गए हैं।

महामारी का असर: पढ़ाई से ड्रॉप आउट कर चुके विद्यार्थियों को वापस लाने की शिक्षा विभाग की यह है तैयारी

उन्होंने बताया कि महामारी के चलते बहुत सारे बच्चों ने स्कूल से ड्रॉप आउट कर दिया है, उन विद्यार्थियों तथा अभिभावकों की काउंसलिंग करने के भी आदेश दिए गए हैं। माता-पिता से ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से संपर्क किया जाएगा। माता पिता की काउंसलिंग की जाएगी, समन्वय व सहयोग भी किया जाएगा।