ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, कि इस को चीज़ को खाने से होता है ब्लैक फंगल

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देश में अगर कोई नई बीमारी दस्तक दे देती है। तो उसको लेकर लोगों को द्वारा कई राय सामने आती है। जिसमें से कुछ ऐसी राय होती है, जो कि फेक होती है और उसके बावजूद भी लोग उन पर विश्वास कर लेते हैं। लोगों को पता भी होता है कि वह फेक है।

उसके बावजूद भी वह सोशल मीडिया के जरिए उस मैसेज को विभिन्न ग्रुप में डाल कर वायरल कर देते हैं। जिससे अंत में आकर लोग उस बात पर विश्वास करने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसा ही एक से एक मैसेज ब्लैक फंगल बीमारी को देखते हुए सोशल मीडिया पर चल रहा है।

जिसमें बताया जा रहा है कि चिकन खाने वाले लोग ही ब्लैक फंगल की चपेट में आ रहे हैं। यह मैसेज सोशल मीडिया और व्हाट्सएप मैसेज पर एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट के साथ फॉरवर्ड किया जा रहा है। उस रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाब सरकार ने पोल्ट्री फार्म को संक्रमण फैलने वाली जगह में शामिल किया है।

ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, कि इस को चीज़ को खाने से होता है ब्लैक फंगल

इस मैसेज के साथ भ्रामक करने वाला एक फोटो में भी लगाया हुआ है कि कुछ दिन चिकन ना खाएं और स्वस्थ रहें। पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए बताया कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है कि यह इंफेक्शन चिकन से इंसानों में फैल सकता है।

https://www.cdc.gov/fungal/diseases/mucormycosis/index.html

उन्होंने लोगों से गुजारिश भी की है कि सोशल मीडिया पर अगर कोई भ्रमित करने वाला मैसेज आता भी है। तो उसकी पहले पुष्टि की जाए और उसके बाद ही उसको अन्य लोगों तक पहुंचाया जाए। ताकि लोगों में किसी बात को लेकर कोई डर ना बैठ जाए।

ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, कि इस को चीज़ को खाने से होता है ब्लैक फंगल

भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ने इस वायरल मैसेज का फैक्ट चेक करते हुए बताया कि यह पूरी तरह से फेक मैसेज में जिस रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट लगाया गया है वह झूठ है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक म्यूकोर्मिकोसिस एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है, जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक मोल्ड्स के समूह के कारण होता है।

एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि महामारी से संक्रमित होने वाले लोग ही ब्लैक फंगल की चपेट में आ रहे हैं। इसे रोकने के लिए उनके द्वारा आवश्यक सुझाव भी दिए गए। लेकिन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उन्होंने यह नहीं कहा कि चिकन खाने वाले ही इस ब्लैक फंगल की चपेट में आ रहे हैं।