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ग्रामीणों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सरपंच और बेटे ने की शवदाह गृह की सफाई

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इन दिनों जहां महामारी का फैलाव चरण सीमा तक पहुंच चुका है। ऐसे में जिसे देखो वह यही कोशिश कर रहा है कि जितना हो सके संक्रमण से खुद को महफूज रख सके। मगर संक्रमित होने के भय को दरकिनार कर समाज सेवा का भाव दिखाने वाले एक सरपंच और उनके पुत्र ने जो पहल है, वह वास्तव में बहुत सराहनीय है।

दरअसल, तिगांव गांव के निकटवर्ती सदपुरा गांव के सरपंच शिव कुमार और उनके पुत्र जितेंद्र कुमार ने पिछले दिनों अपने गांव के शवदाह गृह को साफ करने का जिम्मा अपने सर उठाया।

ग्रामीणों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सरपंच और बेटे ने की शवदाह गृह की सफाई

दरअसल, इस शवदाह गृह में अप्रैल माह से अभी तक संक्रमण से करीबन 10 मृत्यु होने वाली शवों को मुखाग्नि दी गई थी। मगर यहां पर खुले में शवों के कपड़ों को इधर उधर फैंका हुआ था, जिसके चलते पूरे गांव पर संक्रमण का खौफ पैदा हुआ दिखाई दे रहा था।

मगर बावजूद इसके कोई भी संक्रमण की गिरफ्त में आने के डर से साफ सफाई के लिए आगे नहीं बढ़ रहा था।

ग्रामीणों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सरपंच और बेटे ने की शवदाह गृह की सफाई

ऐसे में गांव के सरपंच शिव कुमार और उनके पुत्र जितेंद्र कुमार द्वारा नगर निगम के दो कर्मचारियों अजय और आकाश के साथ मिलकर शवदाह गृह आई साफ-सफाई का जिम्मा अपने ऊपर उठाया क्योंकि उनका मानना था कि अगर ऐसे में यह कपड़े यहां वहां फैले रहते हैं, तो गांव में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

वहीं बारिश होने की वजह से जगह-जगह से घास भी उग गई थी। इसलिए साफ सफाई करना भी जरूरी था। जगह जगह जगह कूड़ा भी परेशानी का सबब बन रहा था।

ग्रामीणों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सरपंच और बेटे ने की शवदाह गृह की सफाई

ऐसे में यहां साफ सफाई की गई और ग्रामीणों के सर पर संक्रमण का जो खौफ मंडरा रहा था, उसे भी खत्म करने का प्रयास किया गया। सरपंच जितेंद्र कुमार ने बताया कि वह पहले से ही समाज सेवा में बहुत तत्पर हैं। इससे पहले भी वह गांव में जगह जगह सैनिटाइजर करवा चुके हैं, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें।

इसके अतिरिक्त उनके द्वारा जगह-जगह वैक्सीनेशन कैंप भी द्वारा आयोजित करवाए गए हैं ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सकें और दिन प्रतिदिन बढ़ती संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सके।

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