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पिता की खुशी के लिए बना IAS अधिकारी, जब सफल हुआ तो पिता और भाई का हुआ निधन, ऐसी है इनकी कहानी

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कड़ी मेहनत के दम पर आप सबकुछ हासिल कर सकते हैं। आपको एकाग्रता के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले कई कैंडिडेट्स की कहानियां संघर्ष भरी होती हैं। लेकिन कुछ की जिंदगी में यह संघर्ष केवल पढ़ाई और तैयारी से संबंधित नहीं होता बल्कि और भी कई तरह के लॉस वे फेस करते हैं। बावजूद इसके वे हार नहीं मानते और विजेता बनकर निकलते हैं। ऐसी ही दर्द भरी कहानी है हरियाणा के हिमांशु की।

कोई भी इंसान आपसे अच्छा नहीं है। जो आप कर सकते हैं वो कोई नहीं कर सकता। हिमांशु के लिए सिविल सर्विस एक विकल्प या च्वॉइस नहीं बल्कि कंपल्सन बन गई थी। हिमांशु ने पूरे मन से इस चैलेंज को पूरा भी किया और पहले ही प्रयास में सफल हुए।

पिता की खुशी के लिए बना IAS अधिकारी, जब सफल हुआ तो पिता और भाई का हुआ निधन, ऐसी है इनकी कहानी

कभी-कभी आपको सबसे ज्यादा पसंदीदा इंसान आपके सबसे अच्छे समय में आपके साथ नहीं रह पाता है। ऐसा ही हिमांशु के साथ हुआ है। हिमांशु मुख्य रूप से हिसार, हरियाणा के छोटे से गांव भूना में जन्में और यहीं पले-बढ़े। उनकी कक्षा पांच तक की पढ़ाई भी यहीं के एक साधारण हिंदी मीडियम स्कूल से हुई। आगे की पढ़ाई के लिए वे हांसी चले गए और यहां भी बारहवीं तक उन्होंने हिंदी स्कूल में ही शिक्षा ग्रहण की।

पिता की खुशी के लिए बना IAS अधिकारी, जब सफल हुआ तो पिता और भाई का हुआ निधन, ऐसी है इनकी कहानी

हौसला होना चाहिए बस कुछ कर दिखाने का इस दुनिया में सबकुछ मुमकिन है। कड़ी मेहनत के दम पर आप सबकुछ हासिल कर सकते हैं। हिमांशु को अपने पापा से विशेष लगाव था। उनके पापा उन्हें हर समय प्रोत्साहित करते रहते थे। हिमांशु की पढ़ाई देखकर उनके पापा चाहते थे कि उनका बेटा IAS अधिकारी बन देश की सेवा करे। उन्हें पूरा विश्वास था कि हिमांशु नागपाल IAS अधिकारी बन सकते हैं।

पिता की खुशी के लिए बना IAS अधिकारी, जब सफल हुआ तो पिता और भाई का हुआ निधन, ऐसी है इनकी कहानी

आपको एकाग्रता के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। हंसराज कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद उनके पापा पहली बार उन्हें दिल्ली छोड़ने आये थे। इसके बाद हिमांशु के पापा दिल्ली से लौट आते हैं। दिल्ली से आने के कुछ दिन बाद ही उनकी आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।

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