भारत ने 18 साल से ऊपर की उम्र वाली अपनी पूरी आबादी को इस साल दिसंबर माह तक टीका लगाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए देश में टीके की कुल 1.88 अरब खुराकें लगानी होंगी, जिसमें से 1.67 अरब यानी की 89 प्रतिशत खुराकें लगनी अभी भी बाकी हैं। इसका मतलब है कि जून से देश में हर महीने 23.8 करोड़ खुराकें लगानी होंगी, नहीं तो भारत अपने लक्ष्य से पीछे रह सकता है।
भारत में 18 साल से कम उम्र वालों को भी टीका देना है तो पूरी आबादी के लिए जून माह से इस साल के आखिर तक 2.51 अरब खुराकों की जरूरत है, या फिर जून से ही हर महीने 35.9 करोड़ खुराकें हर दिन लगाई जाएं। 31 मई तक देश में टीके की 21.5 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं, जो कि किसी भी देश में दी गई तीसरी सबसे ज्यादा खुराकें हैं। भारत इस मामले में सिर्फ अमेरिका और चीन से पीछे है।
Co-WIN ऐप पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक, अभी तक भारत ने सबसे ज्यादा तेजी से प्रति दिन 38 लाख लोगों को टीका लगाया। केंद्र सरकार के मुताबिक, जून माह में 12 करोड़ खुराकें मुहैया कराई जाएंगी। इससे हर दिन 40 लाख डोज लगेंगी। हालांकि, इस गति से भारत अगर टीकाकरण करता है तो देश की पूरी व्यस्क आबादी को टीका देने में 23 जुलाई 2022 तक का समय लगेगा।
कितनी तेजी से करना होगा टीकाकरण?
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि देश की आबादी को इस साल दिसंबर तक टीका देने की योजना है। हालांकि, जहां इसके लिए भारत को जून महीने से 23.8 करोड़ खुराकों की जरूरत है तो वहीं फिलहाल इस महीने सिर्फ 12 करोड़ खुराकें ही उपलब्ध होंगी। इसका सीधा अर्थ यह भी है। कि जुलाई माह में पहले से भी तेजी से टीकाकरण करना होगा और उस समय व्यस्कों में टीकाकरण पूरा करने के लिए हर महीने 25.8 करोड़ लोगों को टीका लगाना होगा।
अगर 18 से कम वाली आबादी को भी टीका देना है तो 39.8 खुराकें हर महीने लगानी होगी। हालांकि, अगर एक बार टीके की आपूर्ति बढ़ जाए तो देश में दिसंबर तक टीकाकरण करने का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। आंकड़ों के ऐनालिसिस से यह स्पष्ट है कि अगर अगस्त महीने तक हर माह 27.4 करोड़ खुराकों की आपूर्ति हो तो दिसंबर तक व्यस्क आबादी का टीकाकरण पूरा हो सकता है।
सरकार की ओर से मंगलवार को यह बताया गया कि जुलाई और अगस्त महीने में देश में हर दिन 1 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। अगर भारत को दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को टीका लगाना है तो उसे हम दिन 91 लाख से ज्यादा लोगों को टीका देना होगा।
इसका अर्थ यह भी है कि अक्टूबर तक टीके की सप्लाई हर महीने बढ़कर 62.6 करोड़ तक पहुंचनी चाहिए।