महामारी का दौर चल रहा है। लाखों लोगों को इस महामारी में जहां में यह देखा कि ऑक्सीजन हमारे जीवन के लिए कितनी जरूरी है और उसी की किल्लत की वजह से महामारी से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा बढ गया।
जहां इस समय सब डॉक्टर का कहना है कि आप अच्छा खाना खाए, गर्म पानी का सेवन करें, साफ पानी ले क्योंकि अगर हमारी शरीर में ही गंदगी जाएगी तो हमारा शरीर और ज्यादा दूषित हो जाएगा।
जैसे हमें यह पता लगा कि ऑक्सीजन हमारे लिए कितनी जरूरी है। वैसे ही कुछ सालों में हमें यह भी पता चल जाएगा कि हम कितना दूषित पानी पी रहे हैं और उससे हमारे शरीर कितना खराब हो रहा है। हम बात कर रहे हैं ग्राउंड वॉटर लेवल की।
इस समय फरीदाबाद पानी की किल्लत को झेल रहा है। इसी के चलते सेव अरावली फाउंडेशन का कहना है कि जिले को डार्क जोन घोषित किया जाए। सेव अरावली से मेंबर जितेंद्र भड़ाना ने बताया कि फरीदाबाद शहर में इस वक्त पानी की बहुत ज्यादा किल्लत है। फरीदाबाद के इंडस्ट्रियल इलाके में अवैध रूप से ट्यूबल लगाए हुए है। इस कारण ग्राउंड वाटर का स्तर और नीचे गिर गया है।
जिसकी वजह से आए दिन लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है और जिन लोगों को पानी मिल रहा है वह भी पीने लायक नहीं है। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले एक सर्वे हुआ था। जिसमें कहा गया था कि फरीदाबाद के कुछ जॉन को डार्क जोन घोषित कर दिया गया है और उसमें किसी प्रकार का कोई भी ट्यूबवेल या फिर यह बोरवेल नहीं जा सकता है और वह सिर्फ नगर निगम फरीदाबाद की जमीन है।
नगर निगम के द्वारा जॉन की जमीन पर बोरवेल किए हुए थे उनको सभी को बंद करवा दिया गया है। लेकिन बोरवेल जिले से बंद नहीं हुए हैं। उन्होंने नगर निगम की जमीन के बजाय अन्य जगहों पर बोरवेल करना शुरू कर दिया और जिससे आज जिले में हजारों की संख्या में टैंकर पानी लेकर सप्लाई कर रहे हैं ।
जिससे हमारा ग्राउंड वाटर लेवल काफी कम हो चुका है। उन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि वह पूरे फरीदाबाद को डार्क जोन एरिया घोषित करें। जैसे कि कुछ समय पहले गुड़गांव नगर निगम के द्वारा उन्होंने गुड़गांव एरिया घोषित कर दिया है। उनकी दूसरी मांग यह है कि ट्यूबवेल की देखरेख के लिए नगर निगम के द्वारा प्राइवेट ट्यूबवेल ऑपरेटर लगाए गए हैं ।
जिसकी वजह से वह ऑपरेटर मनमर्जी चलाते हुए पानी को सप्लाई करते हैं। कई बार पानी को पूरा दिन चला देते हैं जिससे पानी सूख जाती है और कई कई दिनों तक लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है। उनकी मांग है कि सभी ट्यूबवेल ऑपरेटर की जो देख रहे थे वह सरकार अपने अंडर ले।
ताकि पानी की किल्लत से लोगों को जूझना ना पड़े। वही उनकी तीसरी मांग यह है कि शहर में जितने भी टैंकर पानी की सप्लाई कर रहे हैं। उन सभी को बंद करवाया जाए। क्योंकि बोरवेल के चलते ही जिले के ग्राउंड वाटर लेवल बहुत काम होता जा रहा है।