महामारी के चलते लगे लॉकडाउन का असर व्यापार के साथ-साथ टूरिज्म तथा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर भी देखने को मिल रहा है। ग्राहकों के अभाव में ज्यादातर होटल्स और रेस्टोरेंट्स बंद होने के कगार पर है।
दरअसल, लॉकडाउन के चलते पर्यटन विभाग को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। पर्यटकों के अभाव में सभी होटल्स और रेस्टोरेंट्स खाली पड़े हैं वही होटल और रेस्टोरेंट्स मालिकों को अपने अस्तित्व का खतरा सताने लगा है। मालिकों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते लोगों का घरों से निकलना बंद है ऐसे में पर्यटकों की संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है।
गौरतलब है कि बीते दिनों शहर के कुछ पर्यटन स्थलों को पर्यटन विभाग के अंतर्गत सम्मिलित हुए हैं वही अचानक लगे लॉकडाउन ने शहर के पर्यटन स्थलों के विकास पर भी रोक लगा दी है। हरियाणा टूरिज्म के डिविजनल मैनेजर राजेश जून ने बताया कि लॉकडाउन के चलते टूरिज्म को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि टूरिज़म के प्रोजेक्ट्स भारी नुकसान में है, और इस नुकसान से उभरने के लिए कई प्राइवेट होटल्स और रेस्टोरेंट्स ने अपने कई कर्मचारियों को वेतन नही दिया है, और जिन्हें दिया है उन्हें भी पूरे वेतन का सिर्फ 30-50% वेतन ही मिला है। उन्होंने बताया कि होटल और रेस्टोरेंट में काम करने वाले ज़्यादातर कर्मचारी मध्यम वर्ग से आते हैं इसलिए उन पर लॉकडाउन का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।
आपको बता दें कि शहर के कई होटल और रेस्टोरेंट मालिकों ने एक बैठक का भी आयोजन किया है जिसमें सरकार से होटल और रेस्टोरेंट खोलने की मांग की गई है। मालिकों का कहना है कि जब सरकार ने दुकानों को खोलने के आदेश दिए हैं तो सरकार को होटल और रेस्टोरेंट खोलने के आदेश भी देने चाहिए।
होटल और रेस्टोरेंट्स बंद होने की वजह से लोगों को इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक तौर पर हालात काफी खराब हो गए हैं ऐसे में सरकार को हमारे पर ध्यान देने की जरूरत है।