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असफलताएं आ रही थी राह में लेकिन नहीं तोड़ पाई इनकी हिम्मत, तीसरे प्रयास में मिली कामयाबी

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आपका हौसला बुलंद होना चाहिए मुकाम तो मिल ही जाता है। इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए। इसी बात को चरितार्थ करती है इनकी कहानी। यूपीएससी परीक्षा 2017 में सफलता प्राप्त करने वाली मेघा अरोड़ा की कहानी ऐसी ही है। इंटरमीडिएट के बाद मेघा ग्रेजुएशन के लिए लंदन चली गईं। इसके बाद उन्होंने लंदन से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

आपको एकाग्रता के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। यह मायने नहीं रखता कि आप कहां से आते हैं। मेघा बचपन से ही अपने देश को इंटरनेशनल लेवल पर रिप्रेजेंट करना चाहती थीं और इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा को पास कर इंडियन फॉरेन सर्विस चुनी। उन्हें यूपीएससी में सफलता तीसरे प्रयास में मिली। खास बात यह रही कि मेघा पहले दो प्रयास में प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं, तीसरे प्रयास में उन्होंने अपनी रणनीति बदली और सफलता हासिल कर ली।

असफलताएं आ रही थी राह में लेकिन नहीं तोड़ पाई इनकी हिम्मत, तीसरे प्रयास में मिली कामयाबी

यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले कई कैंडिडेट्स की कहानियां संघर्ष भरी होती हैं। मेघा भी दो बार असफल हो चुकी थीं। मेघा के माता-पिता दोनों सिविल सर्वेंट हैं। उनके पिता आईपीएस और मां आईआरएस ऑफिसर हैं। यही कारण था कि बचपन से ही वह यूपीएससी में जाना चाहती थीं। इंटरमीडिएट के बाद वे पढ़ाई के लिए लंदन चली गईं। यहां उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

असफलताएं आ रही थी राह में लेकिन नहीं तोड़ पाई इनकी हिम्मत, तीसरे प्रयास में मिली कामयाबी

आपको सच्ची लगन और निष्ठा के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। मेघा ने भी इसका परिचय दिया। मेघा लंदन से वापस इंडिया आ गईं और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। उन्होंने एक सटीक रणनीति बनाई और अपनी तैयारी शुरू कर दी। मेघा पढ़ाई में बहुत होशियार थीं और उन्होंने एक अच्छी रणनीति भी बनाई थी, लेकिन यूपीएससी की परीक्षा में उन्हें दो बार लगातार असफलता मिली। उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत करती रहीं।

असफलताएं आ रही थी राह में लेकिन नहीं तोड़ पाई इनकी हिम्मत, तीसरे प्रयास में मिली कामयाबी

मेघा ने कभी हार नहीं मानी। सभी चुनौतियों का सामना किया। मेघा को तीसरे प्रयास में अच्छी रैंक मिली। इस तरह उनका यूपीएससी का सफर करीब 3 साल लंबा रहा।

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