इस महिला IPS की कहानी है काफी संघर्षभरी,कई युवाओं को देती है इनकी कहानी प्रेरणा

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    जीवन में संघर्ष आना तय है। किसी न किसी समय हर किसी ने संघर्ष को देखा है। संघर्ष में रहना एक कला है। दुनिया में यदि आपको सफल होना है तो उसके लिए आपकी सहायता सिर्फ एक ही व्यक्ति कर सकता है और वह है खुद आप। कुछ इसी तरह से खुद पर विश्वास करके आगे बढ्ने वाली सारा रिजवी की कहानी लड़कियों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। बता दे की सारा रिजवी गुजरात की पहली महिला आईपीएस अधिकारी है।

    आपका हौसला बुलंद होना चाहिए मुकाम तो मिल ही जाता है। इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए। मुंबई में जन्मी सारा रिज़वी एक पढे लिखे परिवार से ताल्लुक रखती है। उनके पिता अफजल अहमद विज्ञान स्नातक हैं। सारा रिजवी की मां निगार रिजवी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट रह चुकी हैं और उसके भाई वसीफ रिजवी एक सिविल इंजीनियर हैं और सऊदी अरब में रहते हैं। वसीफ की पत्नी समीरा भी कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट हैं और दुबई में पोस्टेड हैं।

    इस महिला IPS की कहानी है काफी संघर्षभरी,कई युवाओं को देती है इनकी कहानी प्रेरणा

    आपको एकाग्रता के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। यह मायने नहीं रखता कि आप कहां से आते हैं। साल 2008 में सारा की शादी मुनव्वर खान से हुई थी। मुनव्वर खान उस समय आरपीएफ में ट्रेनों के सहायक सुरक्षा आयुक्त थे। आईपीएस ऑफिसर बनने के बाद सारा रिजवी की पहली पोस्ट गुजरात के जामनगर जिले में थी। यहां छह माह तक प्रोबेशनर आईपीएस के पद पर रहने के बाद उनका तबादला गोंडल, राजकोट में बतौर एएसपी किया गया।

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    आपको सच्ची लगन और निष्ठा के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। सारा ने भी इसका परिचय दिया। IPS बनने के बाद सारा रिज़वी ने एक समारोह में कहा कि वह अपनी नौकरी से बहुत प्यार करती हैं और काम से परेशान नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक महिला अधिकारी होने पर गर्व है और वह पुलिस को लेकर लोगों की धारणा बदलना चाहते हैं।

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    सारा ने कभी हार नहीं मानी। जितनी भी चुनौतियां उनके सामने आयी सभी का उन्होंने सामना किया। कई युवतियों के लिए सारा प्रेरणा बन गयी हैं। इस प्रेरणा को सही दिशा में लगाने का प्रयास करना चाहिए।