अगर कुछ कर दिखाने की चाह आपमें होती है तो बुरे समय और बुरे लोगों से आप लड़कर अपनी मंज़िल तक पहुंच जाते हैं। सफलता पाने के लिए खुद पर विश्वास होना बहुत जरूरी है। यदि आपको खुद पर विश्वास है तो सफलता के रास्ते में आने वाली हर कठिनाई को आप आसानी से पार कर लेंगे। आज हम भी आपको सफलता की ऐसी ही एक कहानी बताने जा रहे हैं।
इन्होनें कभी हौसला नहीं खोया। खुद पर हमेशा भरोसा किया। इन्होनें हमेशा मुश्किल समय में खुद पर विश्वास रखा और डूबते हुए बिज़नस को बचाकर उसे नई उचाइयों तक पहुंचा दिया। हम बात कर रहे हैं अजंता ग्रुप की जो आज दुनिया में सबसे बड़े पैमाने पर दीवार घड़ियों को बनाता है।
यदि आप सफलता चाहते हैं तो इसे अपना लक्ष्य ना बनाइये, सिर्फ वो करिए जो करना आपको अच्छा लगता है जब हम ऐसा करते हैं तो सबकुछ हासिल हो जाता है। इसी को यह चरितार्थ करते हैं। यह कहानी गुजरात के मोरबी में रहने वाले ओधावजी राघवजी पटेल की है। जो पेशे से एक विज्ञान के शिक्षक थे। 1971 में ओधावजी अजंता ग्रुप में शामिल हुए। उस वक़्त यह ग्रुप मात्र 1 लाख रूपये से शुरू किया गया था।
आपका हौसला बुलंद होना चाहिए मुकाम तो मिल ही जाता है। इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए। बिना किसी अनुभव के ओधावजी इस ग्रुप में शामिल हो गए चूंकि अन्य 3 साथियों को किसी विज्ञान क्षेत्र से संबन्धित व्यक्ति की आवश्यकता थी। कारोबार के शुरू होने के 3 साल बाद तक बिजनेस को सिर्फ और सिर्फ असफलताओं का ही सामना करना पड़ा। जिसके कारण ओधावजी को छोड़कर बाकी तीनों साथियों ने बिज़नस ग्रुप को छोड़ दिया था।
आपको एकाग्रता के साथ लक्ष्य तक पहुंचना होता है। यह मायने नहीं रखता कि आप कहां से आते हैं। उनके साथियों ने बिजनेस छोड़ा लेकिन ओधावजी ने इसी बिज़नस को आगे ले जाने का ठाना।